सियाराम नगरी अयोध्या में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थान (Places to visit in Siyaram Nagri Ayodhya)

 Govind Soni
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Ayodhya Me Ghumne Ke Sthan: 

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की नगरी, उत्तर प्रदेश राज्य की अयोध्या नगर में स्थित है। यह अयोध्या नगर सरयू नदी के किनारे पर स्थित है।


मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म स्थान अयोध्या नगरी है, और इसी स्थान पर रामायन का जन्म हुआ।


Tourist-Places-Visit-Ayodhya

अयोध्या नगरी में बहुत सारे घाट है, एवं बहुत सारे मंदिर हैं। यह नगरी हिंदुओं की पवित्र धर्म स्थल नगरी है। इस नगरी में आने के बाद, भारत के अतीत का गौरवशाली एवम् सांस्कृतिक एतिहासक की झलक देखने को मिलती है।


अयोध्या नगरी की बात करी जाए, तो पूरे उत्तर प्रदेश का यह सबसे बड़ा धार्मिक स्थल के रूप में उभरा हुआ है। इसीलिए यहां पर पर्यटन के तौर पर बहुत सारे लोग आते हैं।


आज के इस पोस्ट के अंदर, हम आपको अयोध्या नगरी से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, संस्कृति, धार्मिक, पर्यटन स्थल। अयोध्या में ठहरने के स्थान, खाने-पीने की व्यवस्था आदि सभी की जानकारी आपको देंगे।


आप इस पोस्ट को पूरा पढे, आपको संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है।


अयोध्या नगरी में घूमने के स्थान (Places-visit-Ayodhya)

अयोध्या के बारे में दिलचस्प तथ्य

  • अयोध्या का पौराणिक काल में नाम कौशल देश था।
  • अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि है।
  • रामायण की रचना श्री वाल्मीकि जी द्वारा इसी अयोध्या नगरी में की गई थी।
  • अयोध्या के अंदर कहीं तरह के घाट है जहां पर स्नान करने की परंपरा है।
  • अयोध्या को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है, क्योंकि अनुमानित लगभग अयोध्या नगरी के अंदर 5000 की आस पास मंदिर है।
  • भगवान राम का महल भी अयोध्या नगरी में है।
  • अयोध्या के अंदर हनुमानगढी में भगवान हनुमान 24 घंटे अयोध्या की रक्षा करते हैं।

अयोध्या के प्रमुख पर्यटक स्थल (Tourist Places Visit in Ayodhya)

राजा दशरथ समाधि स्थल

श्री राम के पिताजी राजा दशरथ की समाधि स्थल, अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर है। ऐसा माना जाता है कि, जब भगवान श्री राम एवं सीता जी और लक्ष्मण जी वनवास में थे, तब राजा दशरथ का स्वर्गवास हो गया था।


 श्री राम के भाई शत्रुघ्न एवं भरत ने राजा दशरथ का समाधि स्थल इसी जगह पर बनाया था।
इसी स्थान पर एक छोटा सा मंदिर भी है, इस मंदिर के अंदर राजा दशरथ एवं शत्रुघ्न, भारत और गुरु वशिष्ठ की मूर्ति लगी हुई है।


कनक भवन

कनक भवन के अंदर भगवान श्री राम एवं सीता मैया की मूर्ति है, जिसके ऊपर मुकुट सोने के लगे हुए हैं। यह कनक भवन हनुमानगढ़ से थोड़ी ही दूरी पर है, पैदल भी आप इस स्थान पर आ सकते हैं।


इस मंदिर की वास्तुकला वास्तव में देखने लायक है। यह कनक भवन श्री राम और सीता जी का निजी भवन था। यह मंदिर अयोध्या का प्रसिद्ध एवं सुंदर मंदिर है, यहां पर पर्यटक बहुत आते हैं। 


 सीता जी को मुंह दिखाई के तौर पर, उनकी सास कैकई ने यह स्थान दिया था।


मोती महल

मोती महल का दूसरा नाम पर्ल पैलेस भी है। इस महल को मुगल शैली के अंदर बनाया हुआ है। इसका निर्माण 1746 ईस्वी में किया गया था। यह महल शुजा-उद-दौला की बेगम का घर था।


सूरजकुंड

राजा दशरथ की समाधि स्थल है, उस समाधि स्थल से थोड़ी ही दूरी पर सूरजकुंड है। यह एक प्राकृतिक जलाशय है।


 ऐसा कहा जाता है, श्री राम और उनके जितने भी वंशज हुए, वह सभी इसी कुंड के अंदर जाकर स्नान करते थे। ऐसी लोक मान्यता है, कि इस कुंड के अंदर स्नान करने से शरीर के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।


मर्णी पर्वत

मणि पर्वत की महिमा अनंत है, ऐसा कहा जाता है, कि रावण के साथ युद्ध में जब लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे, तो जो संजीवनी बूटी लेने के लिए हनुमान जी आए थे। तो इसी पर्वत को उठा कर ले गए थे।


तब इसी ही पर्वत का छोटा सा टुकड़ा, इसी अयोध्या के पास गिर गया था। इसलिए इसे आज मणि पर्वत कहा जाता है।


बहु बेगम का मकबरा⁠

बहू बेगम का मकबरा, फैजाबाद शहर से मकबरा रोड जाने वाली वहां पर स्थित है ।

बहु बेगम का मकबरा फैजाबाद का सबसे ऊंचा स्मारक है।


इस मकबरे की वास्तुकला मुगल शैली की अद्भुत है। इस मकबरे पर गुम्बद स्थित है, इस प्रकार नक्काशी करके बनाया गया है, जो बहुत ही सुंदर दिखते हैं । यह मकबरा नवाब शुजा उद दौला की रानी को समर्पित है।


सीता की रसोई मंदिर

भगवान राम के जन्म स्थान से उत्तर पश्चिम के मुख्य छोर पर सीता की रसोई नामक मंदिर स्थित है।


इस मंदिर से हमें पौराणिक काल की रसोई के मॉडल की जानकारी मिलती है। यहां पर राम, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत की रानियों की मूर्तियां लगी हुई है।


त्रेता के ठाकुर

भगवान राम ने जिस स्थान पर अश्वमेध यज्ञ किया था। उसी स्थान पर अयोध्या के राजा कुल्लू द्वारा त्रेता के ठाकुर मंदिर का निर्माण करवाया गया है।


यह मंदिर अयोध्या के अंदर जो नया घाट है, उसी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण करने में बलुआ पत्थर का उपयोग लिया गया है। जिन्हे बहुत ही बारीकी से तरसा भी गया है।


इस मंदिर के अंदर श्रीराम और उसके भाइयों के साथ साथ हनुमान जी और सुग्रीव जी की भी मूर्ति स्थापित है।


तुलसी स्मारक भवन

गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में तुलसी स्मारक भवन स्थापित किया गया है। तुलसीदास जी ने जिस स्थान पर राम चरित्र मानस की रचना की थी। उसी स्थान पर यह स्मारक बना हुआ है। 


यहां पर प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। इस स्थान पर एक विशालकाय बड़ा पुस्तकालय भी है। जहां पर हमारा साहित्य समृद्धि का भंडार मौजूद है।


इस स्थान पर एक अनुसंधान शोध केंद्र भी स्थापित है। जो मारे साहित्यिक, धार्मिक, सांस्कृतिक को अध्यन करके उसके महत्व को जानने का प्रयास करते हैं।


छोटी छावनी

छोटी छावनी के अंदर 34 गुफा है और इसको बनाने के लिए सफेद संगमरमर और उसके अंदर शानदार तरीके से बारीकी की नकाशी की गई है। यह वाल्मिकी भवन के नाम से भी जाना जाता है। यहां की वास्तुकला अद्भुत है।


अयोध्या में लोकप्रिय स्थानीय भोजन

अयोध्या नगरी पूरे भारत के साथ विदेश में भी प्रसिद्ध है। यहां पर लाखों की संख्या में पूरे भारत के साथ-साथ विदेशी लोग भी देखने के लिए आते हैं।


 इसीलिए से इस स्थान पर उत्तर भारत के अलावा, लगभग पूरे भारत के सभी प्रसिद्ध व्यंजन यहां मिल जाते हैं। पानी पुरी, भेल से लेकर खाने पीने की स्ट्रीट फूड की यहां भरमार है।


अयोध्या कैसे पहुंचे?

अयोध्या जाने के लिए तीनों तरह के मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर हवाई अड्डा भी है, रेलवे स्टेशन भी है एवं सड़क मार्ग द्वारा भी जुड़ा हुआ है।


रेल मार्ग से आपको रेल द्वारा अयोध्या पहुंचना सस्ता एवं सुलभ भी है, क्योंकि अयोध्या का रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।


हवाई मार्ग की बात करी जाए तो, अयोध्या का सबसे नजदीक हवाई अड्डा फैजाबाद है। जो अयोध्या से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


दूसरा निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ है, जो अयोध्या से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लखनऊ के लिए देश के सभी बड़े शहरों से हवाई जहाज की सुविधा उपलब्ध है।


फैजाबाद में भी देश के काफी शहरों से हवाई जहाज की सुविधा उपलब्ध है।


सड़क मार्ग की बात करी जाए तो, अयोध्या के लिए आपको सार्वजनिक बसों के साथ, निजी वाहन भी बहुत मिलते हैं।


अयोध्या के अंदर हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इसीलिए यहां सड़क मार्ग द्वारा आपके लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध है।


अयोध्या में आप किसी भी जगह पर जाओ, तो वहां से आपको पर्यटन स्थल पर जाने के लिए, हर तरह की टैक्सी सुविधा उपलब्ध होती है।


अयोध्या कैसे घूमे?

अयोध्या के अंदर चलने वाली शहरी बस या फिर आप अपनी टैक्सी भी ले सकते हैं, और रिक्शा भी बहुत चलते हैं। आप इनमें से किसी भी को अपने हिसाब से घूम सकते हैं।


अयोध्या में कई ऐसी ट्रैवल एजेंसीया भी है, जो आपको वाहन दे सकती है। उसके लिए आपको अपने डॉक्यूमेंट जमा करवाने होंगे।


अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय

अयोध्या के अंदर घूमने के लिए उपयुक्त समय की बात करी जाए, तो जिस टाइम सम मौसम होता है, जैसे सितंबर, अक्टूबर, नवंबर का महीना बहुत ही बढ़िया रहता है।


उसके अलावा अगर आप गर्मी या बारिश के मौसम में भी घूमना चाहते हैं, तो यहां पर घूम सकते हैं। यहां पर साल भर पर्यटक ऐसे ही आते रहते हैं।


गर्मियों के मौसम की बात करी जाए, तो गर्मी ज्यादा होने होती है। इसीलिए वहां थोड़ा घूमने का मजा कम आता है।


अयोध्या यात्रा में ठहरने की व्यवस्था?

अयोध्या काफी बड़ा और एक विकसित शहर की तरह है। यहां पर हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। हर साल लाखों पर्यटक यहां पर आते हैं।


यहां पर आप होटल में भी रह सकते हैं। उसके लिए आपको प्रतिदिन ₹500 से लेकर 800 रुपए या उससे ज्यादा भी देने पड़ सकते हैं। यहां AC या non AC सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।


अगर आप अयोध्या के अंदर कम किराए पर रहना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कई सारी धर्मशालाएं उपलब्ध है। उसके अंदर आप जाकर ठहर सकते हैं।


उसके अलावा जानकी महल ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशाला है, वहां पर भी आप रुक सकते हैं। हर तरह की सुविधा के साथ सस्ते भी हैं।


अयोध्या घूमने का खर्च

अयोध्या में अगर घूमने की बात करी जाए, तो आपके लिए 3 दिन का टूर काफी है। 3 दिन के टूर के अंदर अगर आप घूमने की बात करें, तो होटल में ठहरने का 3000 के आसपास का खर्चा आ सकता है।


इसके अलावा अयोध्या के पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए जाते हैं, वहां की बात की जाए, तो आपको ₹1500 से लेकर ₹2500 के बीच तक का खर्च आ सकता है।


बाकी की बात की जाए, तो आप अपने घर से अयोध्या के लिए जाते हैं। तो उसमें वह खर्चा अलग-अलग तरीके से आता है।


अगर आप हवाई मार्ग से जाते हैं, तो खर्चा ज्यादा आ सकता है। अगर आप ट्रेन के माध्यम से जाएंगे तो सस्ता पड़ सकता है।



FAQ

Frequently Asked Questions

Q: अयोध्या का नामकारण कैसे हुआ?
A: अयोध्या का पहला नाम फैजाबाद था। लेकिन 2018 में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने, इसका नाम अयोध्या कर दिया। जो पौराणिक शास्त्रों में भी अयोध्या है।
Q: अयोध्या की स्थापना किसने की?
A: अयोध्या की स्थापना नवाब ने 1730 ईस्वी में फैजाबाद नाम से स्थापना की।
Q: अयोध्या किसके लिए प्रसिद्ध है?
A: भगवान राम की जन्म स्थली होने के कारण अयोध्या पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। और हिंदुओं की धर्म स्थली है।
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