Rishikesh Me Ghumne ke sthaan: ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य का मशहूर पर्यटक स्थल है। जो हरिद्वार से 27 किमी दूर है, और देहरादून जिले से 43 किमी दूरी पर स्थित है।
धर्मस्थल गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री आदि का प्रवेश द्वार ऋषिकेश को माना जाता है।
ऋषिकेश में गंगा नदी का त्रिवेणी घाट स्थित है, यह बहुत ही पवित्र माना जाता है और प्रसिद्ध भी है। यहां पर प्रतिदिन महा आरती का आयोजन होता है, इस आरती का दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गंगा नदी में स्नान करने से, इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। इसीलिए इस त्रिवेणी घाट पर, हिंदू धर्म के अनुयाई दर्शन करने के साथ - साथ त्रिवेणी घाट में स्नान करने के लिए बहुत आते हैं।
ऋषिकेश को चार धाम यात्रा का मुख्य प्रवेश द्वार भी माना जाता है। क्योंकि चार धाम की यात्रा यहीं से शुरुआत होती है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जाने के लिए ऋषिकेश होकर ही आगे जाया जाता है।
ऋषिकेश के अंदर धार्मिक स्थलों के अलावा भी, पर्यटन स्थलों के रूप में, यहां पर आप जंपिंग, राफ्टिंग, कैंपिंग आदि का मजा उठा सकते हैं।
आज के इस पोस्ट के अंदर हम ऋषिकेश के अंदर घूमने के स्थान, ठहरने के स्थान, खाने पीने की व्यवस्था, ट्रैवलिंग आदि के बारे में पूर्ण रूप से, आपको जानकारी प्रदान करेंगे। अतः आप इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पूरा पढ़ें।
ऋषिकेश में घूमने के स्थान और धार्मिक स्थल | Places to visit and religious places in Rishikesh
ऋषिकेश से जुड़े दिलचस्प तथ्य
- ऋषिकेश शब्द का अर्थ देखा जाए तो भगवान का ज्ञान से संबंधित होता है। लेकिन हमारे पौराणिक धार्मिक कथाओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है, कि महान ऋषि हुए थे जिसका नाम रैभ्य था, जिन्होंने इस जगह पर कठोर तपस्या की थी। जिसके बाद भगवान विष्णु बहुत खुश हुए और उनको दर्शन दिए। इसी के कारण ही इसी जगह का नाम ऋषिकेश हो गया।
- ऋषिकेश बहुत ही पुरानी जगह है। इस जगह का नाम हमारे महाकाव्य महाभारत एवं रामायण में भी उल्लेख मिलता है। यहां पर गंगा नदी का जो त्रिवेणी घाट है, वह पवित्र नदी का सबसे बड़ा घाट माना जाता है, और इसी ही घाट पर शाम को महा आरती का आयोजन होता है, और लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस महा आरती में शामिल होते हैं।
- पौराणिक काल में जब समुद्र का मंथन किया गया था और जो विष निकला था। उस विष को भगवान शिव ने इसी स्थान पर पिया था।
- अगर आप केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री की यात्रा करने जा रहे हैं, तो आपको ऋषिकेश होकर ही जाना होता है। इसीलिए इन चार धामों का प्रवेश द्वार 'ऋषिकेश' को कहा जाता है।
- ऋषिकेश बहुत ही बड़ा धार्मिक स्थल है। इसीलिए इसी स्थान पर शराब, मांस ऐसी चीजों का प्रतिबंध है, गवर्नमेंट द्वारा।
ऋषिकेश में घूमने के स्थान (Places to visit in Rishikesh )
ऋषिकुंड
ऋषिकेश के अंदर त्रिवेणी घाट से कुछ ही समय की दूरी पर, ऋषि कुंड नामक एक कुंड है। जो हमेशा पानी से भरा रहता है।
इस कुंड की बहुत ही अद्भुत विशेषता है, कि कितनी भी सर्दी पड़े फिर भी इस कुंड का पानी हमेशा गर्म ही रहता है।
पौराणिक काल में ऋषियों ने तपस्या की थी, और उसी तपस्या के बलबूते, इस कुंड का निर्माण किया गया था। जहां पर उनके स्नान के लिए गर्म पानी सर्दियों में भी उन्हें मिलता।
वरना तो सर्दियों में ऋषिकेश में तो बर्फ जमी रहती हैं। ऐसी भी मान्यता है की गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का पानी, इस ऋषि कुंड के अंदर समाहित है ।
यह बहुत ही पवित्र कुंड माना जाता है। आने वाले पर्यटक इस कुंड से स्नान जरूर करते हैं।
ऋषि कुंड के नजदीक रघुनाथ मंदिर हैं। यह रघुनाथ मंदिर भगवान राम और सीता जी का मंदिर है। यहां पर भगवान राम और सीता जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा भी है। पर्यटक यहां पर भी जरूर आते हैं।
बीटल्स आश्रम, ऋषिकेश
ऋषिकेश के अंदर राम झूले से थोड़ी ही दूरी पर एक बड़ी सी चट्टान पर बीटल्स आश्रम स्थित है। इस आश्रम का दूसरा नाम चौरासी कुटी आश्रम है। इस नाम से यह ज्यादा प्रसिद्ध है।
यहां पर ब्रिटिश अंग्रेज ने ध्यान योग किया था और उस अंग्रेज ने इसी आश्रम में कई प्रकार के धार्मिक गीत रचे थे।
बीटल्स आश्रम के अंदर एक छोटा सा मंदिर है। महर्षि योगी जी का घर और यह मेडिटेशन के लिए विशेष झोपड़ी, रसोई और पुस्तकालय हैं।
यहां की दीवारों पर बढ़िया रंगीन भित्ति चित्र बनी हुई है। यहां पर आने वाले पर्यटकों को बहुत शांति और सुकून मिलता है।
कौडियाला
ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों में से, युवा पर्यटकों के लिए, यह स्थान बहुत ही खास पसंदीदा जगह है। क्योंकि इस स्थान पर पर्यटक राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, वोटिंग आदि करने का मजा उठाते हैं।
जैसे ऐसे होने लगता है, कि हम गोवा के बीच पर लुफ्त उठा रहे हैं।
बंजी जंपिंग हाइट्स - ऋषिकेश
बंजी जंपिंग हाइट्स - यह भारत का सबसे ऊंचा जंपिंग हाइट है। जिसकी ऊंचाई लगभग 83 मीटर है।
ऋषिकेश आने वाले पर्यटक, इस बंजी जंपिंग हाइट्स का जरूर मजा लेते हैं। इसके साथ-साथ थ्रिलिंग एडवेंचर, फ्लाइंग फॉक्स और जायंट स्विंग आदि का भी मजा उठाते है।
इस स्थान पर तीन तरह की राफ्टिंग है। पहली 16 किलोमीटर, दूसरी 22 किलोमीटर, तीसरी 32 किलोमीटर और इसका चार्ज की बात करी जाए तो ₹300 से लेकर ₹400 तक स्टार्टिंग प्राइस है।
त्रिवेणी घाट
ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट, इस स्थान पर हमारी पवित्र नदियां यमुना, गंगा और सरस्वती तीनों नदियां मिलती है।
इस त्रिवेणी घाट पर सुबह के समय गंगा आरती एवं शाम के समय महा आरती का आयोजन होता है। जिसके अंदर लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
कैलाश निकेतन मंदिर
कैलाश निकेतन मंदिर के अंदर हिंदू धर्म की सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की है। यह मंदिर ऋषिकेश का सबसे ऊंचा मंदिर भी है।
इसके अंदर 13 मंजिलें हैं। जब हम इस मंदिर के सबसे ऊपरी भाग पर जाते हैं, तो हमें ऋषिकेश का पूर्ण नजारा बहुत सौंदर्य जबरदस्त देखने को मिलता है।
हमारा मन खुश हो जाता है और शांति मिलती हैं।
लक्ष्मण झूला
लक्ष्मण झूला गंगा नदी के ऊपर बना हुआ बहुत ही पुराना हैंगिंग ब्रिज है। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश से थोड़ा हुई दूर मात्र 5 किमी दूर है।
यह गंगा नदी से 70 फुट ऊंचा है। लक्ष्मण झूला के पास ही राम झूला बना हुआ है, यह पूर्ण लोहे के बने हुए हैं। इनकी लंबाई 450 फीट के आसपास है।
यह राम झूला और लक्ष्मण झूला दोनों ही आने वाले पर्यटकों के लिए, बहुत ही आकर्षक का केंद्र है।
ऋषिकेश के प्रसिद्ध व्यंजन
ऋषिकेश धर्म स्थली हैं इस देवभूमि पर योगी और सन्यासी साधू संत निवास करते हैं इसीलिए ऋषिकेश के अंदर मांसाहारी भोजन एवं शराब बिल्कुल प्रतिबंध है।
यहां पर रेस्टोरेंट एवं ठेलों पर केवल शाकाहारी भोजन मिलता है ।
ऋषिकेश के अंदर पूरे भारतवर्ष के पर्यटक आते हैं इसीलिए यहां पर उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के सभी प्रसिद्ध खानपान व्यंजन यहां पर मिल जाते हैं
ऋषिकेश के अंदर आप रेस्टोरेंट्स स्टॉल या कैफे सभी जगह स्वादिष्ट व्यंजन का मजा ले सकते हैं।
यहां पर कुछ ऐसी जगह भी है, जहां पर आप बीटल्स थीम या फिर संगीत को भी सुनते हुए, खाने का लुफ्त उठा सकते हैं ।
आइए दोस्तों जानते हैं, ऋषिकेश के प्रसिद्ध व्यंजन:
समोसा
समोसे की बात करें तो, यह पूरे भारतवर्ष के अंदर एक आम व्यंजन है। इसका अलग - अलग जगहों पर, थोड़ा बहुत स्वाद भी अलग अलग हो सकता है।
ऋषिकेश के अंदर ठेले पर समोसे बहुत मिलते हैं और आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों के लिए, सुबह का नाश्ता समोसा ही लगभग होता है।
समोसा खाने का मजा चाय या कॉफी के साथ लेते हैं, तो कोई मसालेदार चटनी के साथ भी खाते हैं।
ऋषिकेश के अंदर फलों से बने हुए एवम् चॉकलेट के स्टाफिंग करके बनाए हुए समोसे भी मिलते हैं। जिसे पर्यटक बड़े चाव के साथ खाते हैं।
मिठाई
ऋषिकेश के अंदर आपको भिन्न-भिन्न प्रकार की मिठाइयां मिल जाती है।
यहां पर आने वाले श्रद्धालु प्रसाद के तौर पर भी देवी देवताओं और भगवान के मंदिरों में मिठाई की प्रसाद भी चढ़ाते हैं।
ऋषिकेश के अंदर बात करें तो बेसन की बर्फी, बेसन के बने हुए लड्डू और नारियल की बर्फी आदि कई प्रकार की अलग-अलग टाइप की मिठाइयां मिल जाती है।
डोसा
दक्षिण भारतीय व्यंजन डोसा भारत के लगभग हर राज्य में मिल जाता है, और ऋषिकेश में भी बड़े आसानी के साथ मिलता है ।
अगर आपको डोसा पसंद है तो ऋषिकेश में यह आपको मिल जाता है। डोसा चावल और चने दाल के पतले पेस्ट से बने हुए।
सांभर या अन्य चटनी के साथ बड़े चाव से खा सकते हैं।
पानी पुरी
भारत की आज की युवा पीढ़ी का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड पानी पुरी बन गया है। इसे गेहूं से बने हुए पूरी होता है और उसके अंदर आलू वगैरह का मसाला डालकर, फिर इमली और पुदीने के पानी में डुबोकर खाया जाता है।
पानीपुरी भारत के हर इलाके में आपको देखने मिल जाएगी।
ऋषिकेश के अंदर लोरी वाले ठेले, उसके साथ रेस्टोरेंट्स और कैफ के अंदर भी पानी पूरी मिल जाती है।
यहां पर विशेष इमली की चटनी के साथ पानी पुरी दिया जाता है। जिससे इसका स्वाद और ही बढ़ जाता है।
आलू पूरी
आलू पूरी की बात की जाए तो देश के लगभग हर इलाके में मिलती है। और यह भारतवर्ष का पारंपरिक नाश्ता भी है।
ऋषिकेश के अंदर सूखे पत्तों से बने बर्तन होते हैं, उसके अंदर इस आलू पूरी को परोसा जाता है। यहां की आलूपुरी में स्वाद गजब का होता है।
छोले भटूरे
छोला भटूरा एक पंजाबी डीस हैं, जो ऋषिकेश में मिल जाती है। छोला भटूरा लगभग पूरे भारत के अंदर सभी जगह खाया जाने वाला व्यंजन है।
ऋषिकेश के अंदर छोला भटोरा के साथ एक गिलास लस्सी भी परोसा जाता है, जिससे उसका स्वाद और बढ़ जाता है।
ऋषिकेश के अंदर कुछ पुराने रेस्टोरेंट है, जो छोले भटूरे के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है।
ऋषिकेश किस समय और कैसे जाए?
अगर आप रेल मार्ग द्वारा ऋषिकेश आना चाहते हैं, तो ऋषिकेश का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है।
इसके बाद दूसरा नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है।
हरीद्वार और देहरादून लगभग भारत के हर बड़े शहर से रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं ऋषिकेश, तो आपका नजदीकी हवाई अड्डा 35 किलोमीटर दूर देहरादून है।
जहां से आगे आप सार्वजनिक वाहन या टैक्सी करके भी जा सकते हैं।
ऋषिकेश किस समय जाना चाहिए
ऋषिकेश के अंदर जुलाई महीने से लेकर अगस्त महीने तक भारी बारिश होती है। जिसके कारण आपको हमने का आनंद या फिर रिवर राफ्टिंग जैसा मजा नहीं ले सकते।
ऋषिकेश के अंदर मार्च महीने से लेकर अप्रैल महीने एवं सितंबर महीने, अक्टूबर महीने में मौसम सामान्य की तरह रहता है । इसीलिए पर्यटक यहां पर बहुत आते हैं ।
गर्मी के मौसम में भी ऋषिकेश की यात्रा कर सकते हैं, बहुत ही आनंद मिलता है और बड़े आकर्षक नजारे देखने को मिलते हैं।
अगर आप सर्दी के मौसम में आते हैं, तो यहां पर बहुत ही ज्यादा सर्दी पड़ती है। बर्फबारी का आनंद लेना है, तो आपको सर्दी के मौसम में आना होगा और ऊनी वस्त्र भी साथ लाना होगा।
ऋषिकेश में ठहरने के स्थान
ऋषिकेश के अंदर ठहरने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। आश्रम है, रिसोर्ट होटल है और कैंपिंग भी कर सकते हो आप ।
ऋषिकेश के अंदर गंगा नदी के तट पर कई आश्रम बने हुए हैं, ठहरने के लिए। जैसे स्वर्ग आश्रम, गीता भवन, परमार्थ निकेतन, मधुबन आदि।
यहां पर साफ सफाई और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा यहां पर आप फ्री में रह सकते हैं।
जो भी आश्रम है, उनके अंदर किराए के रूम भी मिलते हैं। यहां पर AC की भी सुविधा है और बिना AC वाले रूम भी हैं ।
ऋषिकेश के अंदर धर्मशालाएं एवम आश्रम गंगा नदी के तट पर है, इसीलिए हमें गंगा नदी का खूबसूरत आकर्षक नजारा देखने को मिलता है। इन धर्मशाला और आश्रमों में शानदार सुविधाएं है।
ऋषिकेश विजिट कैसे करें?
ऋषिकेश में विजिट करने या घूमने के लिए आपके पास बहुत ऑप्शन है। यहां पर आप बाइक को किराए पर लेकर घूम सकते हैं।
टैक्सी की भी सुविधाएं उपलब्ध है, टूरिस्ट बस की भी सुविधा उपलब्ध है। अगर बाइक की बात की जाए ₹500 में प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर मिल जाती हैं।
FAQ
ऋषिकेश में कौन सी नदीया बहती है?
गंगा, यमुना और सरस्वती नदी।
ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर की चढ़ाई कितनी है?
25 किलोमीटर के आसपास है।
ऋषिकेश में प्रसिद्ध क्या है?
ऋषिकेश के अंदर त्रिवेणी संगम, ऋषि कुंड और नीलकंठ महादेव मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है।