आज हम बात करने वाले हैं शिलांग के बारे में, जो भारत का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। शिलांग की बात करें, तो यह भारत के मेघालय राज्य में पड़ता है और यह इस राज्य की राजधानी भी है।
शिलांग भारत के उत्तरी पूर्वी भाग का एक प्रमुख हिल स्टेशन है। शिलांग की बात करें तो यहां पर होने वाली भारी बारिश एवं यहां की प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़ी सांस्कृतिक विरासत, गुफाएं आदि के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है।
आज के इस लेख के में अंदर हम आपको शिलांग के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
शिलांग की यात्रा कब करें
शिलांग की यात्रा किस प्रकार करें
शिलांग की यात्रा का खर्च एवं शिलांग के अंदर पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं।
आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी, इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़े।
शिलांग में घूमने के प्रसिद्ध स्थान | Famous places to visit in Shillong
शिलांग के बारे में रोचक जानकारी
- शिलांग मेघालय राज्य की राजधानी है। और यह उत्तरी पूर्वी भारत का एक प्रमुख हिल स्टेशन एवं प्रवेश द्वार भी हैं।
- ब्रिटिश काल के अंदर इसी "पूर्व का स्कॉटलैंड" भी कहा जाता था।
- शिलांग बादलों के काफी करीब है, इसीलिए इसी ' बादलों का निवास' स्थान भी कहा जाता है।
- शिलांग अपनी अद्भुत संस्कृति कला, गुफाओं एवं झरनों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
शिलांग में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल | Famous tourist places in Shillong.
शिलांग बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां पर देखने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं। यह एक हिल स्टेशन भी है। यहां पर नव दंपति हनीमून मनाने भी आते हैं।
उमियम झील
यह झील कृत्रिम है इस मानव द्वारा बनाया गया है। उमियम झील शिलांग से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। इस झील के पास एक बहुत ही खूबसूरत गार्डन भी है।
एलीफेंट फॉल्स
यह एक खूबसूरत झरना है, इसके पास एक हाथी के आकार की बड़ी शीला है। इसी वजह से इसका नाम एलिफेंट फॉल्स पड़ा। यहां की प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही खूबसूरत है। जिसे देखकर एक अलग ही आनंद आ जाता है।
शिलांग पीक
यह शिलांग की पर्वत चोटी है, जो सबसे बड़ी ऊंची है। इस पर्वत पर चढ़ने के बाद आपके पूरे शिलांग शहर का बहुत ही खूबसूरत दर्श्या और यहां के पर्वत में निवास करने वाले शानदार पक्षी, प्राकृतिक सुंदरता आदि देखने को मिलती है।
वार्डस झील
यह एक मानव निर्मित कृत्रिम झील है। चल के चारों ओर शानदार खूबसूरत विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधे हैं। यहा एक तरह का उद्यान भी है। इस झील के ऊपर एक लकड़ी का पुल भी बनाया गया है। वार्डस झील को निहारने के लिए नाव की सुविधा उपलब्ध है।
डॉन बोस्को म्यूजियम
यह म्यूजियम मावली फूदामरी में स्थित है। यह म्यूजियम एशिया की स्वदेशी संस्कृति का सबसे बड़ा संग्रहालय भी है। इस म्यूजियम का खुद का अनुसंधान केंद्र भी है और यह समाचार पत्र भी निकलता है।
इस म्यूजियम क्या खुद का सांस्कृतिक कैलेंडर भी है। यह म्यूजियम समय-समय पर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाता है, संगीतकार, लेखक एवं विभिन्न विद्वान शामिल होते हैं। यह सात मंजिला बहुत बड़ी इमारत है।
लैटलम घाटी
यह पर्यटन स्थल खासी की पहाड़ियों में मौजूद है। लोग ट्रैकिंग करना चाहते हैं या जो प्रकृति के प्रसन्न लोग हैं, उनके लिए यह बहुत ही उत्तम जगह है। यहां पर बिल्कुल शांति रहती है और स्वच्छ हवा जिससे आने वाले पर्यटक बहुत ही अलग अनुभव करते हैं।
कैथेड्रल चर्च शिलांग
यह चर्च शीलांग का बहुत ही प्रसिद्ध चर्च है। यह चर्च संगमरमर का बना हुआ है, बहुत ही सुंदर है और इसके अंदर मदर मैरी की मूर्ति है।
लेडी हैदरी पार्क
यह एक बड़ा ही खूबसूरत गार्डन है और इसका नामकरण भी राज्य की पहली महिला हैदरी के नाम पर पड़ा है। पर एक छोटा सा चिड़ियाघर भी है जहां पर 100 के आसपास विभिन्न प्रजातियां मौजूद है। यहां पर बच्चों के खेलने की भी सुविधा है।
मावलिननांग गांव
यह एशिया का सबसे सुंदर एवं स्वच्छ गांव है, इसका खिताब इसे सन 2003 में मिल गया था। सन 2014 के एक सर्वेक्षण के अनुसार इस गांव के अंदर 100 प्रतिशत साक्षरता दर है एवं कुल 95 मकान भी है।
यह आज भी ऐसा ही एकदम स्वच्छ एवं सुंदर गांव है। इस गांव के स्थानीय लोग कृषि के अंदर सुपारी कृषि का खेती करते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं।
वार्ड की झील
यह झील यहां की सबसे प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। यहां पर स्थानीय के अलावा पूरे देश से पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
नोहसिंगिथियांग फॉल्स
चेरापूंजी से 4 किलोमीटर की दूरी पर यह झरना स्थित है। यह भारत के सबसे उंचे झरनों में से एक है। यहां की खूबसूरती बहुत ही देखने लायक है।
मावफलांग
यह एक छोटा सा गांव है, जो शिलांग से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पहाड़ों के बीच खुला मैदानी भाग बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक है।
जकार्म फाल्स
यह शिलांग से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गर्म पानी का झरना है। इस झरने से आने वाला पानी गर्म होता है।
मेघालय राज्य संग्रहालय
इस संग्रहालय के अंदर आदिवासी लोगों से संबंधित कलाकृतियां एवं उनके प्राचीन ग्रंथो को संग्रहित करके रखा गया है।
सोहपेटबिनेंग
इस स्थान को स्वर्ग की नाभि भी कहा जाता है। यह स्थान देखने में बहुत ही खूबसूरत है।
शिलांग के प्रसिद्ध लोकल व्यंजन
शिलांग देखने के लिए जितना ही खूबसूरत है, उतने ही यहां के व्यंजन भी बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। आईए जानते हैं:
मोमोज
शिलांग के स्थानीय लोगों को मोमोज बहुत ही पसंद है। यह एक तरह की पकौड़ी है, इसे बनाने के लिए सब्जियों के साथ मांस का प्रयोग किया जाता है।
तुंग्रीमबाई
यह शिलांग का एक शाकाहारी प्रसिद्ध भोजन है। इसको बनाने के लिए सोयाबीन का प्रयोग किया जाता है। इसे ब्रेड या रोटी के साथ भी खाया जाता है।
जडोह
इसको बनाने के लिए चावल और सूअर के मांस का प्रयोग किया जाता है। फिर उसके अंदर कई प्रकार के लोकल मसाले और जड़ी बूटियां को उपयोग में लिया जाता है।
डोहेनियॉन्ग
सूअर का मांस होता है, उसे काले तिल और सोया के सॉस के साथ पकाया जाता है।
चाउमीन
इसको बनाने के लिए अंडे, चिकन और स्थानीय मसाले होते हैं। प्याज, लहसुन, अदरक एवं तीखे मसाले के साथ स्थानीय लोकल मसालों का प्रयोग किया जाता है। यह एक तरह का नूडल्स होता है।
दोखलीह
यह भी एक मांसाहारी भोजन है। इसको बनाने के लिए सूअर का मांस, प्याज और स्थानीय मसाले का उपयोग लिया जाता है।
पुखलेन
यह एक खास तरह की बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है, जो शिलांग के अंदर हर जगह पाई जाती हैं। इसके अंदर किंवित चावल का उपयोग किया जाता है और यह शाकाहारी मिठाई है।
चिली पोर्क
यह एक प्रकार का इंडो चाइनीस व्यंजन है, जो मेघालय में बहुत ही प्रसिद्ध है और हर जगह मिल जाता है।
शिलांग में ठहरने की व्यवस्था
शिलांग के अंदर रुकने के लिए आपको हर प्रकार की होटल मिल जाती हैं, लो बजट से लेकर आई बजट की। आप चाहे तो रिजॉर्ट या लोज किसी भी जगह पर रख सकते हैं।
शिलांग की सैर (घूमने) करने का सबसे अच्छा समय
शिलांग के अंदर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय गर्मियों का मौसम होता है। क्योंकि इस समय यहां पर इतनी ज्यादा ना सर्दी होती है और ना ही बहुत बारिश होती है। इस समय यहां पर मौसम बहुत ही अनुकूल होता है पर्यटकों के लिए।
बारिश का मौसम भी घूमने के लिए अच्छा रहता है। लेकिन शिलांग के अंदर बहुत भारी बारिश होती है, और जब बारिश चालू होती है, तो कहीं दिनों तक बंद भी नहीं होती है।
शिलांग की यात्रा कैसे करे?
शिलांग जाने के लिए आप रेल मार्ग, सड़क मार्ग या हवाई मार्ग किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आईए जानते हैं, डिटेल में:
रेल मार्ग: शिलांग की यात्रा के लिए रेल मार्ग सबसे उपयुक्त है, शिलांग का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है। गुवाहाटी से फिर शिलांग के लिए, आपको बहुत सारे यातायात के साधन मिल जाएंगे बस हो या टैक्सी।
सड़क मार्ग: शिलांग शहर देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। आप अपने खुद की टैक्सी या फिर बस के माध्यम से भी गुवाहाटी आकर फिर से शिलॉन्ग आ सकते हैं।
हवाई मार्ग: शिलांग से 30 किलोमीटर दूर उमरोही में हवाई अड्डा है। शिलांग का नजदीकी दूसरा हवाई अड्डा गुवाहाटी में है। जो लगभग शिलांग से 120 किलोमीटर की दूरी पर है।
शिलांग की यात्रा एवम् घूमने का खर्चा
अगर आप अकेले घूमना चाहते हैं तो कम से कम ₹7000 का खर्चा आपके लिए आ सकता है। और बाकी आपके लिए, आप जिस होटल में ठहरते हैं या कुछ खरीदारी करते हैं, तो उसे हिसाब से कुछ अलग भी खर्चा हो सकता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख शिलांग में (सैर) करने के स्थान, के बारे में हमने बताया है। यह जानकारी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो आगे से आगे शेयर जरूर करें।