लद्दाख में सैर करने के स्थान, और किस समय जाना | Places to visit in Laddakh, and what time to visit

 Govind Soni
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 Ladakh Me Ghumne ke sthan:

लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हैं लद्दाख के अंदर पर्यटन स्थल घूमने के लिए बहुत सारे हैं। लद्दाख पहाड़ी इलाके वाला एरिया है। और यहां पर पहाड़ों पर बर्फ की चादर एवं प्रकृति द्वारा प्रदत्त सौंदर्य, यहां के बौद्ध मठ आदि बहुत ही प्रसिद्ध है।


Places to visit in Ladakh, and what time to visit


 लद्दाख का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। यहां पर देश और विदेश से पर्यटक साल भर आते रहते हैं। आप घूमने के शौकीन है, तो लद्दाख जरूर जाए। आज हम इस पोस्ट के अंदर लद्दाख के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे। 


  • लद्दाख की यात्रा किस समय करनी चाहिए या फिर लद्दाख किस समय जाना चाहिए?
  • लद्दाख के मुख्य पर्यटन स्थल क्या-क्या है?
  • लद्दाख जाने के लिए यातायात के साधनों की व्यवस्था किस प्रकार है?
  • लद्दाख में खानपान की व्यवस्था किस प्रकार की है?
  • लद्दाख में ठहरने के लिए किस प्रकार की सुविधा उपलब्ध है?

लद्दाख में घूमने के स्थान, और लद्दाख जाने का समय | Ladakh me Ghumne ke sthaan

लद्दाख के बारे में रोचक तथ्य

  • लद्दाख इस ऐसा इलाका है, जहां पर ऊंट के दो कुबड़ पाई जाती है।
  • लद्दाख में आइस हॉकी सबसे ज्यादा खेली जाती है और यह प्राकृतिक बर्फ के ऊपर खेलते हैं।
  • लद्दाख के अंदर 2000 से भी ज्यादा हिम तेंदुए पाए जा रहे हैं।
  • लद्दाख का मैग्नेटिक हिल स्थान पर, ढलान से पहाड़ के ऊपरी और गाड़ियां अपने आप चलती है। यह एक रहस्यमई जगह है।
  • दुनिया की सबसे ज्यादा खारे पानी की झील लद्दाख में पाई जाती है, जिसका नाम है लद्दाख की पेंगोंग त्सो झील।

लद्दाख के घूमने के स्थान (Places to visit in laddakh)


आज हम इस लेख के अंदर लद्दाख के प्रमुख प्रसिद्ध घूमने के स्थान के बारे में आपको बताएंगे:

मैग्नेटिक हिल

लद्दाख का मैग्नेटिक हिल स्थान सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, इसे ग्रेविटी हिल भी कहा जाता है। यह स्थान शहर से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से, गाड़ियां अपने आप ढलान से, ऊपरी क्षेत्र की ओर अपने आप चलती है। 

शांति स्तूप

यह लद्दाख का सबसे पुराना एवं प्रसिद्ध स्तूप है। यह स्तूप बौद्ध धर्म से संबंधित है, यहां पर भगवान बुद्ध के अवशेष अभी भी इसके अंदर रखे हुए हैं। इस स्तूप का निर्माण जापानी बौद्ध भिक्षु ने किया था।

हेमिस मठ

यह लद्दाख का तिब्बती मठ है जो सबसे धनी मठ है। हेमिस मठ लद्दाख का सबसे प्राचीन एवं बहुत ही प्रसिद्ध मठ है। हेमिस मठ लद्दाख से 46 किमी की दूरी पर स्थित है।

यहां पर साल में एक बार बहुत ही बड़ा उत्सव का आयोजन किया जाता है। हेमिस मठ बहुत ही पुराना है, यह 11वीं शताब्दी से पहले का है। 

कारगिल

लेह लद्दाख का स्थान कारगिल बहुत ही प्रसिद्ध है। क्योंकि यहां पर पर्यटन के अलावा, सन 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध भी हुआ था।

कारगिल का बहुत ही सुंदर प्राकृतिक दृश्य और ऊंची ऊंची चोटियों, जहा पर्वतारोहण करने वाले लोग, वहां पर अपना झंडा फहराते हैं, यह बहुत ही प्रसिद्ध इलाका है।

स्टॉक पैलेस

स्टॉक पैलेस की बहुत ही सुंदर एवं प्राचीनतम वास्तु कला है। इसके साथ यहां पर बहुत ही सुंदर उद्यान भी हैं।

इस पैलेस के अंदर हमें राजा महाराजाओं के प्राचीनतम कपड़े एवं उनकी इस्तेमाल की गई शाही चीजे वगैरा देखने को मिलते हैं। इस महल की डिजाइन एवं वास्तुकला बहुत ही सुंदर एवं अद्भुत हैं।

लेह बाजार

अगर आप लद्दाख की यात्रा पर आए और खरीदारी ना करें ऐसा हो ही नहीं सकता। लेह बाजार के अंदर आपको पशमीला सोल, स्वेटर इसके अलावा विभिन्न प्रकार की ऊनी एवं पहाड़ी वस्त्र मिलते हैं।

जो बहुत ही सुंदर एवं गर्म होते हैं। यहां की मार्केट में कसीदाकारी द्वारा की गई चीज बहुत ही प्रसिद्ध है। इसके साथ-साथ इस मार्केट के अंदर आपको बहुत ही प्रसिद्ध लोकल व्यंजन खाने को मिलते हैं। 

पैंगोंग झील

पैंगोंग झील बहुत ही आकर्षक एवं सुंदर है। इसकी लंबाई 135 किलोमीटर है। सर्दियों के मौसम में इस झील का पानी एकदम जम जाता है। जिसकी वजह से इसके ऊपर आप बाइक राइड भी कर सकते हैं।

यह झील अपना रंग बदलती रहती है, इसका पानी कभी एकदम नीला, तो कभी लाल एवं हरा टाइप भी दिखता है। इस झील का पानी क्रिस्टल टाइप का होता है। 

हन्डर

यह स्थान अपने दो कूबड़ वाले ऊंट के लिए प्रसिद्ध है और यहां पर दो कुबड़ वाले उंटो की सवारी भी करवाई जाती है। 

फुगताल मठ

यह एक विशेष प्रकार का मठ है जो दक्षिणी पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। प्राचीन काल में यह एक शिक्षा से संबंधित मठ था। यहां पर शिक्षा और सीखने के लिए कुछ ना कुछ कार्य किया जाता था। यह 2300 साल पुराना मठ है और यहां पर आप पैदल ही जा सकते हैं। 

गुरुद्वारा पथर साहिब

यह गुरुद्वारा लेह से लगभग 20 किमी की दूरी पर है और इसको गुरु नानक साहिब की स्मृति में निर्माण किया गया है। 

खारदुंग ला पास

यह लद्दाख की बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां पर पहाड़ियां बर्फ से ढकी हुई है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेती है।

राफ्टिंग

अगर आप राफ्टिंग के शौकीन है, तो यह जांस्कर नदी पर आप राफ्टिंग कर सकते हैं। राफ्टिंग के लिए यह बहुत ही खूबसूरत जगह है। 

माउंटेन बाइकिंग

माउंटेन बाइकिंग करने वाले शौकीन लोगों के लिए, यह जगह सबसे उपयुक्त है। यहां पर आप माउंटेन बाइकिंग कर सकते हैं। यह क्षेत्र मई से लेकर सितंबर तक खुला रहता है। 

त्सो कर झील

लद्दाख की घाटी में यह एक सुंदर झील है। जहां पर विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। ऐसे दलदली पक्षी जो आपने कहीं नहीं देखे होंगे। ऐसे विभिन्न प्रकार के अद्भुत पक्षी पाए जाते हैं, पक्षियों के लिए यह एक स्वर्ग झील है। 

लद्दाख के प्रसिद्ध व्यंजन | Famous dishes of Ladakh

लद्दाख अपने खान-पान के मामले में काफी मशहूर है। यहां पर खुबानी का जैम मिलता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है। जिसे ब्रेड, रोटी आदि के साथ खाया जाता है।

लद्दाख के अंदर याक के दूध से बनी हुई चीज बहुत ही प्रसिद्ध है और आने वाले पर्यटकों को बहुत ही भाती है। 

टापू

गेहूं के आटे को उबाला जाता है फिर उसके अंदर खुबानी मिलकर इस टापू को बनाया जाता है। टापू को विशेष तौर पर उत्सवों के या किसी खास अवसरों पर बनाया जाता है। 

पाबा

लद्दाख के स्थानीय लोगों का यह मुख्य भोजन है। इसको बनाने के लिए जो के आटे का उपयोग लिया जाता है, इसकी रोटी बनाने के लिए इससे मटर के साथ गूथा जाता है। फिर इसे सुप के साथ परोसा जाता है। 

चटगी

यह एक तरह का स्थानीय सूप है, जिसे आलू, गाजर और पालक के साथ बनाया जाता है। इसको बनाने में स्थानीय मसाले का भी प्रयोग किया जाता है। 

मोमोज

मोमोज एक तरह के पकोड़े हैं। जिनको बनाने में मसाले के साथ मीट का भी प्रयोग किया जाता है। इसको तेल के अंदर पकाया जाता है। यह पकवान तिब्बती समुदाय के अंदर काफी प्रसिद्ध है और इसे खास अवसरों पर भी बनाया जाता है। 

थुकपा

यह एक तरह का नोडल सूप है, जिसे बनाने के लिए मीट एवं सब्जियां का भी प्रयोग किया जाता है। इसके अंदर स्थानीय मसाले भी मिले जाते हैं।

स्कायू

यह एक तरह का पासता है। इसके अंदर गेहूं और उसके साथ गाजर एवं शलजम के सूखे हुए आटे को मिलाकर बनाया जाता है। 

छंग

यह लद्दाख की एक स्थानीय बियर है। इस बियर को बनाने के लिए चावल, बाजरा एवं जो का उपयोग लिया जाता है। इसको विशेष तौर पर सामाजिक अवसरों के तौर पर स्थानीय लोग पीते हैं। 

मक्खन की चाय

इसको बनाने के लिए चाय पत्ती के साथ दूध, मक्खन एवं नमक का उपयोग लिया जाता है। यह स्वाद के अंदर मलाईदार सुप के जैसी लगती है। 

लद्दाख की सैर (घूमने) के लिए उपयुक्त समय

लद्दाख की आप सैर करना चाहते हैं, तो आपके लिए अप्रैल महीने से लेकर अगस्त तक का मौसम यहां पर काफी अच्छा और बढ़िया रहता है। सर्दी के मौसम में यहां पर बहुत सर्दी पड़ती है।

इसके अलावा बर्फबारी भी होती है और बारिश के मौसम में यहां बहुत ज्यादा बारिश भी होती है। इसीलिए अगर आप अप्रैल से अगस्त तक आते हैं, तो यहां पर गर्मी के मौसम में काफी शांत वातावरण रहता है। भारत के दूसरे इलाकों की अपेक्षा यहां पर बिल्कुल कम गर्मी पड़ती है।

 इसके अलावा बर्फ वगैरह सब पिघल जाती है। जिसकी वजह से रास्ते खुले रहते हैं और मौसम भी शांत, स्वस्थ एवं बारिश की भी झंझट नहीं रहती है। जिसकी वजह से आप आराम से लद्दाख की सैर करने का मजा ले सकते हैं।

लद्दाख किस प्रकार पहुँचे?

सड़क मार्ग : श्रीनगर से लद्दाख की दूरी 434 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए आप अपनी खुद की वाहन या फिर बस का भी उपयोग ले सकते हैं। अगर आप बाइक से राइड करना चाहते हैं, तो खुद की बाइक भी ले सकते हैं। सर्दियों के मौसम में भारी हिमपात के कारण, यहां पर काफी रास्ते बंद हो जाते हैं। इसीलिए इस मौसम में आप सावधानी रखें।

रेल मार्ग: यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है, जो लद्दाख से 700 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। 

हवाई मार्ग: लद्दाख का निकटतम हवाई अड्डा लेह है। लेह देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां पर देश के बड़े शहरों से फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है। 

लद्दाख की सैर कैसे करें?

लद्दाख की सैर करने के लिए आप खुद का वाहन लेकर आ सकते हैं। इसके अलावा आप टूर गाइड के माध्यम से, लोकल बसों से भी घूम सकते हैं। इसके साथ साथ ट्रू ट्रैवल के एजेंट के माध्यम से वाहन भी ले सकते हैं। 

लद्दाख घूमने का खर्चा

अगर आप लद्दाख घूमना चाहते है, तो आपके लिए 2 हफ्ते के समय पर ₹15000 के आसपास का खर्चा आ सकता है। जिसके अंदर आपको होटल के अंदर रुकना, खान-पांच और वाहन का खर्च आदि भी हो सकता है।

अगर आप सस्ते में रुकना चाहते हैं, तो आप होम स्टे या फिर चादर टेंट की व्यवस्था ले सकते हैं। जिसका किराया ₹200 से लेकर ₹400 प्रतिदिन है।


लद्दाख की सैर कराते वक्त साथ में क्या रखें?

लद्दाख की सैर करते वक्त आपको पैसे तो रखना अनिवार्य ही है। इसके अलावा साथ-साथ गर्म कपड़े भी रखें। खाने-पीन का सामान, फर्स्ट एंड कीट, कुछ दवाइयां आदि को साथ रखना जरूरी है।

फ्लाइट का टिकट, पासपोर्ट जहां आप ठहरे हैं उसका एड्रेस आदि । अगर आप खुद के वहां से जाते हैं तो आपको पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और वहां के कागजात आदि सभी डॉक्यूमेंट रखना अनिवार्य है।





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