मणिपुर के पर्यटन स्थल एवं घूमने जाने का समय | Manipur tourist places and time to visit

 Govind Soni
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 मणिपुर को दक्षिणी एशिया का मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता है। मणिपुर की राजधानी का नाम इंफाल है।


मणिपुरी खूबसूरत राज्य है, जहां पर भारत के सर्वाधिक पर्यटक घूमने आते हैं। पोलो खेल की शुरुआत भी मणिपुर राज्य से हुई थी। 


मणिपुर राज्य का पहनावा एक विशेष प्रकार का खूबसूरत पहनावा है। जो यहां पर आने वाले पर्यटक लोग बहुत पसंद करते हैं।


मणिपुर के आभूषण देश के बाकी सभी हिस्सों में काफी प्रसिद्ध है। मणिपुर राज्य वनों से गिरा हुआ प्रदेश है, बहुत ही हरा भरा पहाड़ी सुंदर प्रदेश हैं।

Manipur tourist places and time to visit


आज के इस पोस्ट के अंदर हम मणिपुर राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में आपको बतलाने जा रहे हैं।

  •  मणिपुर में कौन-कौन से दर्शनीय स्थल हैं।
  •  यहां का स्थानीय प्रसिद्ध भोजन
  •  यहां की संस्कृति
  •  यहां पर ठहरने के स्थान आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको दी जाएगी ।


मणिपुर के बारे में दिलचस्प तथ्य

मणिपुर के स्थानीय लोग राधा कृष्ण की पूजा सर्वाधिक करते हैं।


मणिपुर राज्य में जितने भी जिले हैं, उन सभी जिलों में प्रत्येक जिले का अलग-अलग कार्य प्रसिद्ध है।


मणिपुर राज्य की राजधानी इंफाल है। जो यही शहर सभी प्रकार के व्यापारिक आदान-प्रदान के लिए यही से होता है।


मणिपुर अपने चाय के बागानों के लिए भी प्रसिद्ध है।

मणिपुर राज्य का पहनावा देश के साथ-साथ विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है।


मणिपुर के प्रसिद्ध घूमने के स्थान

चंदेल

मणिपुर का एक जिला है चंदेल जो म्यांमार सीमा के तटपर है। इंफाल से इसकी दूरी 64 किलोमीटर है। यह भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।


क्योंकि यहां की संस्कृति बहुत ही शानदार है, जिसको देखने के लिए पर्यटक आते हैं। इस इलाके का स्थानीय नृत्य एवं संस्कृति को देखने के लिए, पर्यटक देश एवं विदेश से आते हैं।


सेनापति

यह इलाका ग्रामीण इलाके का खूबसूरत गांव है। इसको देखने के लिए पर्यटक बहुत आते हैं। यह इलाका चारों ओर से वनों से घिरा हुआ इलाका है। 


खोंगजोम

भारत के वीर शहीदों की याद में इस जिले के अंदर बड़ा स्मारक बनाया हुआ है। प्राचीनतम युद्ध के कहीं साक्ष्य यहां पर है। आने वाले पर्यटक इस स्थान पर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि जरूर अर्पित करते हैं। 


उखरूल

यह पहाड़ी पर स्थित एक ऊंची चोटी है। जो चारों ओर से हरे भरे वनों से घिरा हुआ है। इस स्थान के आसपास चाय के बड़े-बड़े बागान भी है। इसके आसपास घूमने के कई सारे छोटे-छोटे पर्यटन स्थल है। 


चुराचंदपुर

यह एक आदिवासियों का शहर है। इस स्थान पर तुईबोंग आदिवासी संग्रहालय, महालोई फाल्स, टिपिमुस्ख, टोंगलेन गुफा आदि बहुत सारे पर्यटन स्थल है।


एंड्रो

इस स्थान के स्थानीय लोग मिट्टी के बर्तन बनाकर बेचते हैं। एंड्रो के अंदर मिट्टी के बर्तनों का एक संग्रहालय भी है, जहां पर पर्यटक बहुत आते हैं। इस स्थान पर कई सारे मंदिर एवं पार्क बने हुए हैं जहां पर आप घूम सकते हैं। 


तामेंगलोंग

यह शहर बहुत ही प्रसिद्ध है, यहां पर संतरो की खेती की जाती है। बारिश के मौसम में यहां पर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां उग जाती है, जिन्हें जानकारी प्राप्त करने के लिए काफी लोग आते हैं।


यहां पर एक चिड़ियाघर बना हुआ है। तथा यहां पर विभिन्न पार्क एवं झरने बहुत ही सुंदर दृश्य प्रदीत करते हैं। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यह स्थान बहुत ही बेहतर है। 


थौबल

पिकनिक मनाने आने वाले लोगों के लिए यह जगह बहुत ही खूबसूरत जगह है। तथा यहां पर ट्रैकिंग करने की भी सुविधा उपलब्ध है। 


थोबल एवं इसके आसपास कई सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। इस स्थान पर एक स्थानीय बाजार भी है, वह बहुत ही प्रसिद्ध बाजार है। जहां पर आपको मणिपुर की स्थानीय चीजे मिल जाती है। 


इंफाल

इंफाल की बात करें तो यह मणिपुर का प्रमुख शहर है। तथा मणिपुर राज्य की राजधानी भी है। यह चारों ओर से पहाड़ी एवं हरे भरे वनों से घिरा हुआ प्रमुख सुंदर शहर है।


इंफाल के अंदर प्राकृतिक एवं कृत्रिम झिले भी बनी हुई है, जो आने वाले पर्यटकों को खूब भाती है। इंफाल के अंदर एक विशाल संग्रहालय भी बना हुआ है। 


मणिपुर के प्रसिद्ध व्यंजन

मणिपुर के स्थानीय लोगों का मुख्य भोजन मछली और चावल है। 


मणिपुरी थाली

मणिपुरी थाली काफी प्रसिद्ध है। इस थाली के अंदर सब्जी, मांस, दही और चावल को परोसा जाता है। 


सिंगजू शाक

यह एक मणिपुरी सलाद है। इसके अंदर ताजी सब्जियां एवं फलों का स्वाद है। इनको मीठे अचार के साथ परोसा जाता है। 

मछली और संबल, थाबाल और पखावज।


शाकाहारी खाने के अंदर ऊटी बहुत ही प्रसिद्ध व्यंजन है। यहां पर चीनी व्यंजन भी बहुत मिलते हैं, जिसका भी आप खाने में लुफ्त उठा सकते हैं। 


मणिपुर घूमने का सही समय

मणिपुर में घूमने के लिए आप कभी भी जा सकते हैं। वैसे सर्दियों के मौसम में यहां पर जाना उपयुक्त माना जाता है।


क्योंकि यहां की हसीन वादियां देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। 


बारिश के मौसम में यहां पर बहुत ज्यादा बारिश होती है इसलिए यहां पर पर्यटक सही तरीके से घूम नहीं सकते हैं गर्मी के मौसम में काफी गर्मी भी पड़ती है, लेकिन गर्मी के मौसम में भी आप घूमने जा सकते हैं।


 वैसे ही मार्च और अप्रैल के महीने में सम मौसम रहता है, तो वहां पर घूमना बहुत ही बढ़िया रहता है। 


मणिपुर में ठहरने की जगह

मणिपुर के अंदर होटल के अलावा होम स्टे की भी सुविधा उपलब्ध है। 


ज्यादा कीमत वाली होटल के साथ भी रुक सकते हैं। और कम कीमत वाले कमरे भी होटल में उपलब्ध है। आप अपने बजट के हिसाब से रुक सकते हैं। होटल के अंदर ऑनलाइन बुकिंग की सेवा भी उपलब्ध है। 


मणिपुर की सैर कैसे करे?

ट्रेन

अगर आप ट्रेन के द्वारा मणिपुर की यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको नागालैंड के दीमापुर रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।


यह रेलवे स्टेशन इंफाल से 215 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस रेलवे स्टेशन के बाद आप सार्वजनिक वाहन या किसी निजी वाहन लेकर भी इंफाल जा सकते हैं। 


वायुयान

मणिपुर के अंदर एक ही एयरपोर्ट है, जिसका नाम तुलिहाल एयरपोर्ट है। जो मणिपुर राज्य के बीचों बीच में स्थित है। जो भारत के अन्य शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है। 


सड़क मार्ग

मणिपुर राज्य के अंदर सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप सार्वजनिक या निजी वाहनों के द्वारा भी मणिपुर की यात्रा कर सकते हैं।


 गुवाहाटी, दिमापुर, नागालैंड के आदि सभी शहरों से इंफाल की डायरेक्ट हाईवे जुड़ा हुआ है।


मणिपुर राज्य प्रसिद्ध त्योहार

मणिपुर राज्य के लोग नाट्य कला के अंदर बहुत रुचि रखते हैं। मणिपुर के प्रमुख त्योहार डोल यात्रा, कूट, रथ यात्रा, लाई, हरोबा, दशहरा, आदि त्योहारों को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 


मणिपुर का पहनावा और लोक नाट्य

मणिपुर राज्य के लोग यहां की पारंपरिक बहुत ही आकर्षक ड्रेस पहनते हैं। यहां के पुरूष ज्यादातर सफेद पगड़ी, कुर्ता एवं सफेद धोती पहनते हैं।


 महिलाओं के कपड़े भी बहुत ही सुंदर होते हैं। वह एक साल की तरह होती है, जिसके चारों ओर बड़ी डिजाइन कलाकारी की हुई होती है।


मणिपुर राज्य के लोग मंदिर आदि जगहों पर अपना लोक नृत्य, नाट्य आदि ज्यादातर करते हैं। मणिपुर राज्य के लोगों के अंदर राधा कृष्ण की भक्ति रग रग में बची हुई है।


 लोक नृत्य पुंग चोलम नाट्य, खंभा थंभी नाट्य, माई नाट्य आदि और भी कई नाट्य प्रसिद्ध हैं।




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