अमृतसर पंजाब राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अमृतसर के अंदर स्वर्ण मंदिर है, जो सिख धर्म का पवित्र स्थल है। गुरु नानक का आध्यात्मिक शहर है। इस शहर की खूबसूरती एवं सांस्कृतिक धरोहर को देखने के लिए देश एवं दुनिया से हजारों पर्यटक आते हैं। आज के इस लेख के अंदर, हम आपको अमृतसर से जुड़ी, सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।
अमृतसर के बारे में रोचक तथ्य
अमृतसर के अंदर बैसाखी का त्योहार बहुत ही प्रसिद्ध है।
भारत-पाकिस्तान का वाघा बॉर्डर अमृतसर के पास ही स्थित है।
अमृतसर की स्वर्ण मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर का आयोजन किया जाता है।
जलियांवाला बाग, अमृतसर में ही स्थित है।
अमृतसर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
स्वर्ण मंदिर
अमृतसर स्वर्ण मंदिर के लिए विश्व विख्यात है।
इस मंदिर के निर्माण की शुरुआत 1581 ईस्वी में की गई थी। 17वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह जी ने इसका पुनर्निर्माण करवाया एवं इस मंदिर को सोने की परत द्वारा ढक दिया गया। सिख धर्म का यह पवित्र स्थल है। देश दुनिया से सिख धर्म की अनुयाई इस स्थान पर जरूर आते हैं। 1984 ईस्वी में आतंकवादियों ने भी इस मंदिर पर कब्जा किया था। जिसे ब्लू स्टार ऑपरेशन के जरिए मुक्त करवाया गया।
इस मंदिर के चारों ओर गहरी झील है, जिसकी गहराई 5 मीटर है। इसी मंदिर के अंदर भारत का सबसे बड़ा लंगर का आयोजन होता है। जिसके अंदर एक साथ 40000 हजार लोग खाना खा सकते हैं।
वाघा बॉर्डर
अमृतसर से 28 किलोमीटर की दूरी पर वाघा बॉर्डर स्थित है। यह वाघा बॉर्डर भारत पाकिस्तान की सीमा पर है। वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है। यह पर्यटकों को बहुत ही आकर्षक लगती है। इस स्थान पर आप सिर्फ मोबाइल और कैमरा ही ला सकते हैं। बाकी सामान आप होटल में रख कर आना होगा। वाघा बॉर्डर भारत-पाकिस्तान का इंटरनेशनल बॉर्डर भी है। वाघा बॉर्डर पर सूर्यास्त से पहले इस शरेमानी का आयोजन किया जाता है, जिसमें परेड भी की जाती है।
दुर्गयाना टेम्पल
इस टाइम केयर के अंदर दुर्गा माता जी की मूर्ति है। इस मंदिर का निर्माण इस स्थान पर किया गया है, जिस जगह पर लव कुश ने भगवान राम के उस घोड़े को पकड़ा था, जो अश्वमेघ यज्ञ के द्वारा भेजा गया था। इस मंदिर की भव्यता, सुंदरता बहुत ही कलात्मक है।
राम तीर्थ मंदिर
रमतीर्थ मंदिर अमृतसर में स्थित है। जिसकी कलाकृति बहुत ही सुंदर है, इसकी भव्यता देखने के लिए पर्यटक अवश्य आते हैं। यहां पर भव्य मंदिर, मूर्तियों एवं जिस प्रकार झोपड़ियां भी बनाई गई है, देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। इसी स्थान पर लव कुश को वाल्मीकि जी ने शिक्षा दी थी। यह मंदिर अमृत शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
गोविंदगढ़ किला
यह किला ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। गोविंदगढ़ किले के अंदर राजा रानियां के पहनावे, अस्त्र शस्त्र, रहन-सहन आदि के बारे में जानकारी मिलती है। राजा गुर्जर सिंह ने 1760 ईस्वी में इस्केले का निर्माण करवाया। इस किले के चारों तरफ बहुत ही शानदार एवं सुंदर हरा भरा बगीचा है, जहां पर आप आराम फरमा सकते हैं।
जलियांवाला बाग
अमृतसर के मुख्य रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर जलियांवाला बाग स्थित है। इस बाग के अंदर बैसाखी पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में बड़े बुजुर्ग, बच्चों एवं महिलाएं आई हुई थी, और उनके ऊपर जनरल डायर गवर्नर ने गोली चलाने का आदेश दिया था। जिसकी वजह से हजारों लोगों की जान चली गई।
पार्टीशन म्यूजियम
इस म्यूजियम के अंदर भारत के अंदर ब्रिटिश काल में कितने कांड हुए, कौन-कौन से आंदोलन हुए इन सभी के बारे में जानकारी को वीडियो के माध्यम से बताया गया है। भारत की आजादी दिलाने के लिए क्या-क्या चीज खोई इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताई गई है। अमृतसर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को इस म्यूजियम में अवश्य जाना चाहिए। ताकि हमें पता भी चल सके आजादी दिलाने के लिए लोगों को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
साड्डा पिंड
अमृतसर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक गांव है। इस सांड पिंड गांव के अंदर पंजाबी लोगों के रहन-सहन, खान पान, संस्कृति, उनकी परंपरा आदि के बारे में बताया गया है। इस गांव के अंदर घोड़ सवारी और ऊंट सवारी की सुविधा उपलब्ध है। तथा इस स्थान पर बहुत बड़ा बाजार भी लगता है, जहां पर आप हैंडमेड चीज खरीद सकते हैं।
थंडर जोन मनोरंजन और वाटर पार्क
यह एक वाटर पार्क है। जहां पर आप गर्मी के मौसम में जाते हैं, तो स्नान वगैरा करने और वाटर पार्क की एक्टिविटी करने जा सकते हैं। कॉस्टर, कोलंबस, मोनो ट्रेन, स्विमिंग चैयर, और म्यूजिक बॉब
आदि सुविधा उपलब्ध है।
खालसा कॉलेज
यह कॉलेज 124 साल पुराना कॉलेज है, जो सिख धर्म का सर्वोच्च शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित है। यह कॉलेज 300 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
अकाल तख्त
सिख धर्म से संबंधित पांच तख्तों में से यह एक अकाल तख्त है। सिख धर्म से संबंधित यह एक विशेष प्रकार की न्याय करने वाली गद्दी है। सिख धर्म से संबंधित पौराणिक लिपियां और पुस्तक इस अकाल तख्त में है। इस स्थान पर प्रवेश निशुल्क है।
हरिके वेटलैंड और पक्षी अभयारण्य
यह अभ्यारण उत्तर भारत का सबसे बड़ा अभ्यारण है। प्रकृति प्रेमी लोगों के लिए बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक जगह है। इस अभ्यारण की विशेषता यह है, कि यहां पर सात प्रकार की कछुए की प्रजाति पाई जाती है। इस अभ्यारण में विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं की बहुत सारी प्रजातियां मौजूद है।
फनलैंड कंपनी बाग़
फैमिली प्लान के तहत आप घूमने जाते हैं, तो इस बाग में जरूर जा सकते हैं। यहां पर बच्चों के लिए कई एक्टिविटीज मौजूद है। अनेक प्रकार के जानवर, पक्षी तथा वोटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।
महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय
यह संग्रहालय एक बहुत ही सुंदर इमारत है। इसके अंदर महाराजा रणजीत सिंह जी से संबंधित विरासत की चीज मौजूद है जैसे हथियार, कवच, पांडुलिपि, सिक्के आदि।
विवेक साहिब गुरुद्वारा
सिख धर्म के छठवें गुरु हरगोबिंद सिंह जी की अनुयायियों की मंडली के महल के रूप में यह जाना जाता है। यह सरोवर के किनारे पर स्थित गुरुद्वारा है।
गुरुद्वारा छेहरटा साहिब
अमृतसर से 7 किलोमीटर की दूरी पर छेहरटा साहिब गांव में स्थित यह गुरुद्वारा है। यह बहुत ही सुंदर गुरुद्वारा है और एकदम शांत वातावरण में स्थित है।
दुर्गियाना मंदिर
यह एक माताजी का हिंदू मंदिर है, जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के अंदर एक सरोवर है, उस सरोवर के अंदर माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु की मूर्तियां तैरती हुई है।
तरनतारन साहिब गुरुद्वारा
सिखों के पांचवे गुरु अर्जन देव द्वारा इस गुरुद्वारे का निर्माण करवाया गया। यह गुरुद्वारा तरनतारन साहिब नामक गांव में स्थित है। अमृतसर से इसकी दूरी 22 किलोमीटर है।
लाल माता मंदिर
लाल माता मंदिर को अमृतशर का शीष महल कहा जाता है। अपने चमत्कार के कारण यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी का अवतार इस मंदिर को माना जाता है।
अमृतसर में प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
अमृतसर भोजन के मामले में बहुत ही रईस हैं। पंजाब के अंदर पंजाबी एवं हरियाणवी दोनों प्रकार के व्यंजन मिलते हैं। शाकाहारी एवं मांसाहारी विभिन्न प्रकार के भजन उपलब्ध है। पंजाब की लस्सी पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसके साथ-साथ यहां पर उत्तर भारत के विभिन्न व्यंजन भी मिलते हैं।
अमृतसरी कुलचा
अमृतसर का लोकल प्रसिद्ध फूड है, यह मैदा ब्रेड हैं जिसे तंदूर के अंदर पकाया जाता है। इसके अंदर आलू, फूलगोभी इसके साथ मचाले, चना मसाला, प्याज आदि वगैरा मिलाया जाता है।
सरसों दा साग और मक्की दी रोटी
पंजाब का सबसे प्रसिद्ध शाकाहारी एवं पारंपरिक भोजन है। इस व्यंजन के अंदर सरसों की सब्जी के साथ मक्के की रोटी होती है। इस सब्जी को बनाने में पालक के साथ विभिन्न मसाले एवं रोटी को देसी घी के साथ दिया जाता है।
लस्सी
पंजाब के अंदर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध लस्सी है। जिसको बनाने के लिए काजू, बादाम, पिस्ता के अलावा विभिन्न मैवो के एवं दूध के साथ इसे बनाया जाता है।
गुलाब जामुन, दाल, रोटी, सब्जी, खारोद का शोरबा, खीर, चना मसाला, कीमा कुल्चा, कटा हुआ प्याज और इमली की चटनी, शम्मी कबाब, तंदूरी चिकन, मटन टिक्का, लच्छा पराठा, पालक पनीर आदि प्रसिद्ध व्यंजन है।
अमृतसर की सैर करने के लिए सबसे अच्छा समय
अमृतसर में घूमने जाने के लिए अगर सही समय की बात करें, तो नवंबर महीने से लेकर मार्च - अप्रैल महीने तक का समय ही अच्छा रहता है। इस समय ना ही गर्मी होती है, और ना ही बारिश वगैरा।
अमृतसर किस प्रकार पहुंचे?
अमृतसर भारत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इसीलिए यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
सड़क मार्ग
अमृतसर का राष्ट्रीय राजमार्ग देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए यहां पर सार्वजनिक एवं निजी दोनों प्रकार के वाहनों की सुविधा उपलब्ध है। आप अपने खुद का वहां भी लेकर आ सकते हैं।
ट्रेन मार्ग
अमृतसर के अंदर रेलवे स्टेशन है, लेकिन यह भारत के प्रमुख शहरों से नहीं जुड़ा हुआ है। अगर आप अमृतसर आना चाहते हैं, तो डायरेक्ट ट्रेन ना हो, तो आप अमृतसर का नजदीकी रेलवे स्टेशन दिल्ली और चंडीगढ़ है। वहां तक आप देश के किसी भी शहर से आ सकते हैं, और चंडीगढ़ या दिल्ली से अमृतसर के लिए बहुत ट्रेन है।
हवाई मार्ग
अमृतसर से 11 किलोमीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए आप कहीं से भी फ्लाइट से अमृतसर डायरेक्ट आ सकते हैं।
अमृतसर में ठहरने की जगह
अमृतसर के अंदर कहीं होटल एवं रेस्टोरेंट है। इसके अलावा धर्मशाला की भी सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप सस्ते में धर्मशालाओं में रुक सकते हैं। इसके अलावा होटल के अंदर काफी अच्छी सुविधा मिलती है, जहां पर भी आप रुक सकते हैं।
अमृतसर के अंदर गोल्डन टेंपल के आसपास अगर आप रुकते हैं, तो आपके लिए काफी सहुलियत हो जाती है। क्योंकि यहां से बाकी पर्यटन स्थल काफी नजदीक पड़ते हैं।
गोल्डन टेंपल द्वारा संचालित धर्मशाला के अंदर भी आप रुक सकते हैं। वहां पर रुकना आपके लिए बिल्कुल फ्री है। इसके अलावा वहां पर प्राइवेट रूम भी ले सकते हैं, जहां पर आपको काफी अच्छी सुविधा मिलती है।
अगर आप अमृतसर के अंदर घूमना चाहते हैं, तो आपके लिए वहां पर सार्वजनिक वाहन के अलावा टू व्हीलर की भी सुविधा उपलब्ध है। टूर ट्रेवल की कंपनी द्वारा आप टू व्हीलर या फोर व्हीलर की भी सुविधा का आनंद ले सकते हैं।
अमृतसर में घूमने का खर्चा
अमृतसर के अंदर घूमने के लिए आप कम से कम 3 दिन का प्लान बनाते हैं, तो आपके लिए 1500 से लेकर ₹2500 तक रूम किराया हो सकता है। 3 दिन तक आप वहां पर रुकते हैं, तो आपके लिए कम से कम 1000 - 1200 रुपए खाना-पीना आदि का हो सकता है। नॉर्मली आप टैक्सी से घूमते हैं अमृतसर में, तो आपके लिए ₹2000 का किराया अंदाज़ हो सकता है। इसके अलावा अगर आप प्राइवेट टैक्सी लेते हैं, तो और ज्यादा हो सकता है।