सांवरिया सेठ मंदिर की दर्शन यात्रा एवम् जानकारी
दोस्तों आज के इस लेख के अंदर हम आपको विशेष मंदिर के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
सेठो के सेठ सांवरिया सेठ नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भगवान श्री कृष्ण को समर्पित यह मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि जिस किसी भी व्यक्ति के धंधा नहीं चल रहा है या रोज बेरोजगार है।
तो वह बंदा इस मंदिर पर आकर सेठ सांवरिया जी की अपने धंधे के अंदर हिस्सेदारी डाल देता है, जैसे एक परसेंट या दो परसेंट तो उसे व्यक्ति का बिजनेस या काम धंधा चलना शुरू हो जाता है।
देश के अलावा विदेशों से भी कई लोगों की इस सेठ सांवरिया के साथ अपने बिजनेस में पार्टनरशिप है।
जिसकी वजह से वहां यहां पर प्रतिवर्ष लाखों की आवक होती है। तथा दान पुण्य यूरो एवं डॉलर के अंदर भी आता है।
सेठ सांवरिया मंदिर की जानकारी
इस मंदिर के बारे में एक प्रसिद्ध कथा प्रचलित है, कि सन 1840 की ईस्वी के अंदर भोलाराम नाम के गुर्जर को सपना दिखाई देता है।
उस सपना के अंदर उसे चापर नाम गांव के अंदर तीन मूर्तियां जमीन के अंदर दबी हुई दिखाई देती है। फिर उस जगह की खुदाई की जाती है, तो वहां पर यह तीन मूर्तियां मिल जाती हैं।
तीन मूर्तियां मिली है, उन्हें तीन अलग-अलग स्थान पर स्थापित किया गया। एक मूर्ति क़ो मंडाफिया में, दूसरी मूर्ती को भादसोड़ा में और तीसरी मूर्ति क़ो उसी स्थान पर स्थापित करते हुए मंदिर बनवाया गया।
जिस स्थान पर तीसरी मूर्ति स्थापित हुई उसी स्थान के मंदिर को सेठ सांवरिया के नाम से जाना जाता है। यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है।
सेठ सांवरिया मंदिर का इतिहास
वर्तमान में सेठ सांवरिया जी का जो मंदिर है, यह मंदिर 250 साल पुराना है। यह मंदिर पहले छोटा सा था। लेकिन समय के साथ इसका पुनर्निर्माण करवाते हुए बड़ा मंदिर बनवाया गया।
वास्तुकला
सेठ सांवरिया मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारत के स्थापत्य कला से मिलती हुई है। मंदिर की गर्भ ग्रह में भगवान कृष्ण की मूर्ति विराजमान है।
इस मंदिर के अंदर कलाकारी को हिंदू धर्म की पारंपरिक वास्तुकला के हिसाब से करवाया गया है। मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म के देवी देवताओं की मूर्तियों को बहुत ही आकर्षक तरीके से तरासा गया है।
सेठ सांवरिया मंदिर के अंदर हिंदू धर्म के सभी त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, इसीलिए जन्माष्टमी का त्योहार यहां पर विशेष बड़ा आयोजन किया जाता है।
सेठ सांवरिया मंदिर के आसपास विभिन्न पर्यटन स्थल
चित्तौड़गढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किला अपने मेवाड़ी शौर्य संस्कृति के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ था।
पहाड़ी के ऊपर बना हुआ यह विशाल किला है। चित्तौड़ के इस किले को विश्व यूनेस्को ने अपनी धरोहर लिस्ट में शामिल किया है।
कालिका माता मंदिर
चित्तौड़गढ़ किले के अंदर कालिका माता का मंदिर स्थित हैं। यह आठवी सदी का बना हुआ बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है।
राना कुम्भा द्वारा इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। पहले यह सूर्य मंदिर था। फिर इसके पुनर्निर्माण के बाद मंदिर के अंदर कालिका माता की मूर्ति की स्थापना भी की गई।
विजय स्तम्भ
यह भव्य स्मारक चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित है। इस स्तंभ का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था।
मुहम्मद खिलजी को हराकर, सन 1448 ईस्वी में विजय स्तंभ का निर्माण करवाया गया। विजय स्तंभ को राजस्थान का विजय प्रतीक माना जाता है।
समाधिश्वर मंदिर
यह मंदिर चित्तौड़गढ़ में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह शिव मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं।
इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में किया गया था। तथा जीर्णोद्वार 15 वीं शताब्दी में किया गया।
राणा कुंभा पैलेस
राणा कुंभा पैलस का निर्माण महाराणा कुंभा के द्वारा 15वीं शताब्दी में करवाया गया था। इस पैलेस की बहुत ही सुंदर आकर्षक बनावट है।
इसकी सुंदर वास्तु कला शैली पर्यटक को आकर्षित करती हैं। चित्तौड़गढ़ किले के अंदर सबसे पुराना भवन यही पैलेस है।
सेठ सांवरिया मंदिर में कैसे पहुँचे ?
हवाई मार्ग से सेठ सांवरिया मंदिर पहुंचने के लिए, आपको महाराणा प्रताप हवाई अड्डा चित्तौड़गढ़ आना होगा। फिर आप टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर पहुंच सकते है। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी 58 किमी है।
रेल मार्ग से सेठ सांवरिया मंदिर पहुंचने के लिए आपको पहले चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन आना होगा। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दुरी 33 किमी है।
सेठ सांवरिया मंदिर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप किसी सार्वजनिक वाहन से, निजी वाहन या खुद के वाहन से भी मंदिर आ सकते है।
सांवरिया सेठ मंदिर के आस पास के रुकने की जगह
सेठ सांवरिया मंदिर के आस पास रुकने के लिए बहुत जगह है। बहुत सारी होटल है। जहा पर A.C. और नॉन A.C. कमरों की सुविधा उपलब्ध है।
कही धर्मशाला भी स्थित हैं। जहा पर आप रुक सकते है।