कैंची धाम मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी
आज के इस लेख के अंदर हम कैंची धाम मंदिर के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे। कैंची धाम मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भवाली नामक स्थान के पास कैंची धाम आश्रम स्थित है। इस स्थान के बारे में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि ,यहां के महंत नीम करोली बाबा के कारण मिली है।
देश हीं के साथ विदेश में भी यह कैंची धाम मंदिर बहुत ही प्रख्यात है। इस मंदिर स्थान पर प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए, अपनी इच्छाओं को लेकर आते हैं।
प्रतिवर्ष 15 जून को इस मंदिर के अंदर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां के संत नीम करोली बाबा जी हनुमान जी के अवतारी थे।
उनके बहुत सारे चमत्कारों के कारण यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है।
कैंची धाम मंदिर का इतिहास
कैंची धाम आश्रम का अस्तित्व 1942 ईस्वी में आया। प्राचीन काल में सोमबरी बाबा और प्रेमी बाबा साधु यहीं पर यज्ञ किया करते थे, अपनी साधना करते थे।
नीम करोली बाबा जी ने यहां पर आश्रम बनाने का प्रस्ताव रखा है, यह सपना 1962 ईस्वी में सरकार हुआ। यहां पर सर्वप्रथम एक आयताकार चौकी बनाई गई।
फिर उसके ऊपर हनुमान जी का मंदिर बनाया गया।
जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे यहां पर भजन कीर्तन भंडारे लगने शुरू हो गए।
प्रतिवर्ष 15 जून को हनुमान जी एवं उनके साथ अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठायें की जाती है, एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
इस भंडारे के अंदर देश एवं विदेश से प्रतिवर्ष लाखों भक्त लोग यहां पर आते हैं।
कैंची धाम मंदिर की वास्तुकला
उत्तर भारतीय शैली के अनुसार बना हुआ, यह कैंची धाम मंदिर हनुमान जी को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर छोटा सा ही है।
नीम करोली बाबा को समर्पित एक छोटा सा मंदिर पास ही में बनाया गया है। यह आश्रम एक छोटा सा आश्रम है, बहुत ही चमत्कारिक आश्रम है। नदी के किनारे पर बना हुआ है।
कैंची धाम मंदिर के बारे में कुछ अन्य रोचक जानकारी
- आध्यात्मिक के प्रसिद्ध इंग्लिश लेखक रिचर्ड अल्परट ने अपनी किताब "मिरेकल ऑफ लव" में नीम करोली बाबा के चमत्कारों के बारे में विस्तृत बताया है।
- दुश्मनों से गिरे हुए एक जवान को अपने आशीर्वाद से चमत्कारिक रूप से कैसे बचाया नीम करोली बाबा जी ने।
जवान दुश्मनों से लोहा लेता रहा, सारी रात गोलीबारी करता रहा, उनके सभी साथी मारे गए, लेकिन उस जवान को एक भी गोली नहीं लगी।
एक बार की बात है कि प्रसाद बनाते समय घी कम हो गया, तो बाबा जी ने कहा नदी से पानी लेकर आओ और उसे पानी से जैसे ही मिठाई बनाने लगे वह पानी अपने आप घी में परिवर्तित हो गया।
फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग शुरुआती दिनों में बहुत संघर्ष कर रहे थे। और उन्हें ऐसी नौबत आ गई कि अपना बिजनेस बेचना पड़ रहा था।
लेकिन उन्हें एक दोस्त ने बताया कि भारत के अंदर कैंची धाम जाहिये। जहां पर बाबा नीम करोली बाबा से आशीर्वाद लीजिए।
जैसे ही मार्क जुकरबर्ग ने भारत आकर बाबा से आशीर्वाद लिया उनका बिजनेस चल पड़ा।
नीम करोली बाबा त्रिकालदर्शी थे। उन्होंने अपनी मृत्यु से संबंधित घोषणा पहले ही कर दी थी।
नीम करोली बाबा हर समय राम नाम का जाप करते रहते थे।
कैंची धाम मंदिर का खुलने का समय
कैंची धाम मंदिर सुबह 7:00 बजे खुलता है और शाम को 6:00 तक खुला रहता है।
सर्दियों के मौसम में यहां पर बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है, इसी वजह से यह आश्रम बंद रहता है। कुछ वीआईपी लोगों के लिए यही कभी कभार खोल दिया जाता है।
कैंची धाम मंदिर का पता
कैंची धाम मंदिर उत्तराखंड राज्य के नैनीताल के पास स्थित है। नैनीताल से 17 किलोमीटर की दूरी पर नीम करोली बाबा का कैंची धाम मंदिर स्थित है।
कैंची धाम मंदिर के आस - पास घूमने के स्थान
कैंची धाम उत्तराखंड राज्य में स्थित है और उत्तराखंड राज्य देवभूमि है। यहां पर घूमने के लायक बहुत सारे पर्यटन स्थल है।
भीमताल
कैंची धाम मंदिर के पास ही यह स्थान मौजूद है। भीमताल एक हिल स्टेशन है। यहां पर भीड़ भाड़ कम रहती है, यह एक शांत एवं सुंदर जगह है।
भीमताल के अंदर देवदार के घने पेड़ एवं जंगल हैं, तथा यहां की हरियाली आने वाले पर्यटकों को मोह लेती हैं।
भीमताल में झील पैडल बोटिंग, बर्डिंग और नेचर वॉक आदि का मजा लेने का लुफ्त उठा सकते है।
नैनीताल
कुमाऊं पर्वत श्रृंखला के बीच बसा हुआ नैनीताल शहर बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है।
नैनीताल में घूमने संबंधी जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ सकते हो
नैनीताल में सैर (घूमने) करने की जगह और जाने का समय | Places to visit in Nainital and time to visit
सातताल
यह स्थान ताजा पानी की झीलों का एक समूह है। इसके अंदर सात जिले हैं।
इन झीलों के आसपास सुंदर हरा भरा नजरा, पहाड़ी इलाका, प्रवासी पक्षियों की भरमार एवं रंग-बिरंगे पक्षी आदि सब दृश्य मन को मोहित कर देते हैं।
रामगढ़
रामगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसे फलों का कटोरा भी कहा जाता है।
यहां पर विभिन्न प्रकार के फलों के बाग बगीचे देखने को मिलते हैं, जैसे सेब, प्लम, आड़ू और खुबानी।
श्यामखेत चाय बागान
इस स्थान पर जैविक चाय का उत्पादन किया जाता है। यहां पर चाय के बगीचे आप देख सकते हैं, जिससे आपको पता चल सके चाय की खेती किस प्रकार होती है।
कैंची धाम मंदिर में कैसे पहुँचे ?
हवाईमार्ग द्वारा आप कैंची धाम की यात्रा करना चाहते हैं, तो नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है। कैंची धाम से पंतनगर की दूरी 71 किलोमीटर है।
रेल मार्गद्वारा अगर आप कैंची धाम की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको काठगोदाम रेलवे स्टेशन आना होगा। वहां से कैंची धाम की दूरी 37 किलोमीटर है।
सड़क मार्ग द्वारा भी आप कैंची धाम आ सकते हैं। कैंची धाम तक सड़क बनी हुई है। यहां पर सरकारी बसें एवं निजी वाहन भी बहुत चलते हैं।
कैंची धाम में ठहरने की व्यवस्था
कैंची धाम के अंदर बहुत सारी होटल बनी हुई है, जहां पर आप रुक सकते हैं। कई सारे रेस्टोरेंट भी है, जहां पर आपको खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था मिल जाती है।
Conclusion
हमें आशा है की कैंची धाम के बारे में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
अगर इसके बारे में आपको कुछ अधिक जानकारी है, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम लेख के माध्यम से औरों को भी जानकारी प्रदान करेंगे।