Jaisalmer main ghumane ke sthan: राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित जैसलमेर गोल्डन सिटी के नाम से भी विख्यात हैं।
जैसलमेर पाकिस्तान सीमा के बिल्कुल नजदीक स्थित हैं। जो रेगिस्तान के धोरों में स्थित एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
इस रेगिस्तान का नाम थार का रेगिस्तान है, जो एशिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है।
यहां की लोकल संस्कृति के अंतर्गत लोगों के अंदर बड़ी-बड़ी मूसे, रंग बिरंगी पगड़ी पहनते हुए और हाथ में रुमाल। औरतें अपने कपड़ों के अंदर शीशे लगे लहंगे पहनती है।
यहां की अनोखी संस्कृति है और बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में कठिन जीवन शैली जीने वाले लोग हैं।
जैसलमेर मारवाड़ असल के अंतर्गत आता है। यहां पर बहुत सारी ऐतिहासिक इमारतें बनी हुई है, जो यहां के राजपूत राजाओं ने बनवाई थी।
इन ऐतिहासिक एवम् खूबसूरत इमारतो को एवं उनकी संस्कृति तथा यहां के लोकल रीति रिवाज आदि को देखने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटक आते हैं।
जैसलमेर के अंदर कई सारी ऐतिहासिक इमारतें एवं किले पीले कलर के यहां के पत्थर से बनाई हुई है। और उनके ऊपर बहुत ही महीन अद्भुत नक्काशी की गई है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखती हैं।
आज की इस लेख के अंदर हम आपको जैसलमेर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में, एवं यहां की प्रसिद्ध ऊंट एवं जीप सफारी के बारे में आपको बताएंगे।
जैसलमेर के दिलचस्प तथ्य
- यह जिला थार के मरुस्थल के बीचों बीच है।
- जैसलमेर की अंदर भारत का दूसरा सबसे बड़ा विंड एनर्जी पार्क भी है।
- भारत का पहला परमाणु परीक्षण जैसलमेर जिले के अंतर्गत पोकरण क्षेत्र में किया गया था।
- राजस्थान के अंदर सबसे ज्यादा बंजर भूमि जैसलमेर जिले में ही है।
जैसलमेर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल | Famous tourist places of Jaisalmerin Hindi
पटवो की हवेली
पटवों की हवेली यह पांच हवेलियों का एक समूह है। जो पीले रंग के पत्थर से बना हुआ है। इस हवेली के अंदर एक शानदार बड़ा आंगन भी है और यहां पर हवेली में 60 बालकनी है।
जिसके अंतर्गत शानदार महीन नक्काशी की गई है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगती है। ऐसा माना जाता है कि 19वीं शताब्दी के अंतर्गत एक अमीर व्यापारी ने इस हवेली को बनवाया था।
इन हवेली के अंदर शानदार कलाकृतियां बनाई गई है तथा पेंटिंग की गई है। जहां पर स्थानीय निवासियों की जीवन शैली को उत्प्रेरित किया गया है।
इस हवेली के अंदर शीशे से बड़ी शानदार नकाशी की गई है, जो इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देती है।
पटवों की हवेली के अंदर एक शानदार संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय के अंदर पटवा परिवार से संबंधित सारी जानकारी को पथरों पर उत्क्रृत किया गया है।
तथा इसके अंदर कई सारी ऐतिहासिक वस्तुएं भी रखी गई है। पटवों की हवेली का खुलने का एवं बंद होने का एक निश्चित समय है।
यह सुबह 9:00 बजे खुलती हैं और शाम को 5:00 बजे तक खुली रहती है।
यहां पर एंट्री फीस भी ली जाती है, जिसकी कीमत ₹20 हैं भारतीयों के लिए। विदेशियों के लिए कुछ ज्यादा फीस है।
डेजर्ट सफारी | visit Jaisalmer in desert safari
हम सबको पता है कि जैसलमेर बहुत बड़े रेगिस्तान क्षेत्र के अंदर बसा हुआ है। तो यहां पर आने वाले लोग डिजर्ट सफारी का जरूर आनंद लेते हैं।
यहां पर पर्यटक ऊंट की सफारी के साथ जीप की सफारी भी ले सकते हैं। रात्रि के समय यहां पर नृत्य एवं संगीत का आयोजन किया जाता है।
जिसका आनंद लेने के लिए काफी पर्यटक लोग आते रहते हैं। डेजर्ट सफारी का आयोजन सुबह एवं शाम के समय ही किया जाता है।
दोपहर में गर्मी ज्यादा होने के कारण डिजर्ट सफारी का आनंद नहीं ले पाएंगे आप।
ऊट सफारी के द्वारा आपको 90 मिनट तक सफारी करवाई जाती हैं, और जीप के माध्यम से आपको 45 किलोमीटर की डिजर्ट सफारी करवाई जाती है।
ऊंट की सफारी का खर्चा ₹300 से 600 के बीच है। वही जीप की सफारी का खर्चा ₹1200 के आसपास है।
जैसलमेर का किला
जैसलमेर के किले को स्वर्ण किला भी कहा जाता है। यह थार के बीचों बीच स्थित किला है। इस किले का निर्माण पीले पत्थरों से बनाया गया है।
जो बलुआ पीले पत्थर है, जिसकी चमक सोने के कलर जैसी दिखती है। इस किले का निर्माण 1156 ईस्वी में राजपूत राजा जैसल करवाया था।
यह शानदार किला विश्व यूनेस्को की धरोहर लिस्ट में भी शामिल है।
दुनिया के बड़े किलो के अंदर इसकी गिनती की जाती है। यह 60 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ किला है।
इस किले के अंदर विभिन्न दरवाजे एवं पोल है, इसकी नक्काशी शानदार की गई है।
इस किले के अंदर संग्रहालय भी है, जहां पर इन शासको के परिधान अस्त्र-शस्त्र आदि रखे गए हैं।
यह किला राजस्थानी वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। इस किले को देखने के लिए आपकी एंट्री फीस भी लगती है, जो बिल्कुल नॉर्मल ही है।
गड़ीसर झील
जैसलमेर किले से थोड़ी दूरी पर यह झील स्थित है। यह झील लगभग 14 वी शताब्दी की बनी हुई है।
धोरों के बीच सुंदर प्राकृतिक वातावरण में इस झील का होना बहुत ही खूबसूरत दिखता है। इस झील के अंदर आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में इस झील का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। क्योंकि यहां पर विदेशी पक्षियों की भरमार रहती है।
व्यास छत्री
जैसलमेर के अंदर जो बड़ा बाग है, उसके अंदर यह छत्री स्थित है।
इस छत्री का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है, और इस छतरी पर महीन नकाशी की गई है। राजस्थानी कला की बहुत ही शानदार उदाहरण है।
यहां पर यह छत्रीया बहूत ही खूबसूरत दिखते हैं। इन क्षत्रियों के पास एक बगीचा भी बना हुआ है, काफी शांत वातावरण है।
खाबा किला
जैसलमेर के नजदीक कुलधरा गांव है, जहां पर यह किला स्थित है। एक समय पर यहां पर पालीवाल ब्राह्मण रहते थे।
किसी कारण वंश उन्होंने यह गांव छोड़ दिया। आज यह बहुत ही ऐतिहासिक जगह है।
सदियों पुराने कलाकृतियां बनी हुई है, जो बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती है।
यहां पर एक संग्रहालय है, जहां पर विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक चीजे रखी गई है।
जैसलमेर के प्रसिद्ध व्यंजन
जैसलमेर अपने पर्यटन स्थल के अलावा खान-पान के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यहां पर राजशाही खानों की भरमार है। आईए जानते हैं उनके बारे में:
गट्टे की सब्जी
यह बेसन से बनाई जाने वाली सब्जी है, जिसे दही के अंदर मिलाकर बनाया जाता है। और इसे रोटी के साथ खाया जाता है।
इसके अंदर विभिन्न मसाले भी डाले जाते हैं। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है, और यहां की प्रसिद्ध भोजन भी है।
मखानिया लस्सी
यह दही से बनाई गई शानदार लस्सी होती है। इसके अंदर विभिन्न प्रकार के सुखे मेंवे भी डाले जाते हैं तथा मक्खन भी होता है।
जिसकी वजह से यह लस्सी बहुत ही स्वादिष्ट होती है। गर्मी के मौसम में ठंडक का एहसास दिलाती है। आने वाले पर्यटकों के बीच यह लस्सी बहुत प्रसिद्ध है।
घोटुआ लड्डू
जैसलमेर की प्रसिद्ध मिठाई है। जिसे बनाने के लिए बेसन, चीनी, घी, और सूखे मेवो के साथ दूध का इस्तेमाल किया जाता है।
घोटुआ लड्डू यहां बहुत ही प्रसिद्ध है। तथा आने वाले पर्यटकों को भी बहुत ही पसंद आते हैं।
इसके अलावा यहां पर आपको मासाहारी व्यंजन भी खाने में मिल जाएंगे तथा यहां लोकल स्ट्रीट फूड की भी भरमार है।
कचोरी, दाल - बाटी - चूरमा, समोसे, खीर इनके अलावा कई परंपरागत राजस्थानी खान भी मिलेंगे।
जैसलमेर कैसे घूमें? How to visit Jaisalmer
जैसलमेर को घूमने के लिए आपको यहां पर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड के आसपास कहीं सारे रिक्शा या निजी वाहन भी मिल जाएंगे।
इसके अलावा आप किसी प्रकार की दुकान है, जहां से आप गाड़ी या फिर मोटरसाइकिल लेकर जैसलमेर को घूम सकते हैं।
जहां पर आपको अपना डॉक्यूमेंट जमा करवाना होगा और आपको वह गाड़ी पूरे दिन के लिए दे दी जाएगी। जिसका कुछ किराया होता है प्रतिदिन ₹500 से लेकर ₹1200 के बीच।
जैसलमेर में रुकने की जगह
जैसलमेर बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां पर प्रतिवर्ष देश ही नहीं विदेश से लाखो पर्यटक आते हैं।
इसीलिए यहां पर आपको ठहरने के लिए कई सारी सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर विभिन्न रेस्टोरेंट में भी है तथा होटल भी है जहां आप रूक सकते हैं।
यहां पर लग्जरी होटल की भी सुविधा उपलब्ध है।
जैसलमेर किससे पहुंचे
जैसलमेर में रेलवे स्टेशन है। जो भारत के बड़े शहरों से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है। अगर आप रेल द्वारा आना चाहते हैं ,तो डायरेक्ट आप जैसलमेर ही आ सकते हैं।
हवाई मार्ग अगर आप हवाई मार्ग से जैसलमेर आना चाहते हैं तो यहां पर हवाई अड्डा भी है तथा इसका दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर है।
अगर आप सड़क मार्ग से जैसलमेर आना चाहते हैं, तो यहां पर बहुत सारी सुविधा है।
आप अपना खुद का निजी वाहन लेकर, यहां पर निजी बसों की भी सुविधा उपलब्ध है तथा सार्वजनिक साधन भी बहुत है। आप किसी भी माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।
जैसलमेर में घूमने का उपयुक्त समय. Best time of visit Jaisalmer
आप अक्टूबर महीने से लेकर मार्च महीने तक यहां पर आ सकते हैं। यहां पर इस समय सर्दी का मौसम होता है। यह सर्दी काफी अच्छी पड़ती है।
गर्मी के मौसम में यहां पर गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसलिए आप गर्मी के मौसम में यहां पर आने से बचे।
बारिश के मौसम में भी आप यहां पर आ सकते हैं लेकिन बारिश के मौसम में यहां पर आपको गर्मी का एहसास ही होगा।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के अंदर हमने जैसलमेर के अंदर घूमने के बारे में आपको विस्तार से बताया है।
यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।