Sarnath Me Ghumne ke sthan : सारनाथ उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
यहां पर जैन और बौद्ध धर्म के तीर्थ यात्री बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं। पौराणिक काल में ऐसा माना जाता है, कि गौतम बुद्ध ने पहला उपदेश इसी स्थान पर दिया था।
Sarnath |
इस उपदेश को धर्म चक्र परवर्तन नाम से भी जाना जाता है।
आईए जानते हैं, आज के इस लेख के अंदर सारनाथ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में।
सारनाथ के बारे में दिलचस्प तथ्य
- सारनाथ के अंदर बने स्तूपों में से, अधिकतम का निर्माण सम्राट अशोक के द्वारा करवाया गया हुआ है।
- सारनाथ को बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है।
- विदेशी आक्रमणकारियों ने सारनाथ पर आक्रमण कर यहां स्तूपों को खंडित करने का काम भी किया। लेकिन इनका पुनर्निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया।
- सारनाथ के अंदर बने मंदिर मार्ट और स्तूप सभी का बौद्ध धर्म से संबंध है।
सारनाथ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल । famous tourist places in sarnath
जैन और बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध सारनाथ, उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से, यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां पर एक तालाब भी है।
डियर पार्क
सारनाथ से थोड़ी ही दूरी पर सिंहपुर गांव में यह पार्क स्थित है। इस डियर पार्क के अंदर भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
इसीलिए यह बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस पार्क के अंदर आकर आपको एक अलग ही शांति और सुकून का एहसास होगा।
चौखड़ी स्पुत
यह स्तूप बौद्ध धर्म की संस्कृति तथा महत्व पूर्ण स्मारकों से संबंध रखने वाला स्तूप है। इसी स्थान पर भगवान बुद्ध ने अपने पाच पतियों से मुलाकात की थी, ऐसा माना जाता है।
बौद्ध धर्म के उदय के तौर पर इस स्तूप को बहुत ही मान्यता है। इसीलिए यह बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ की प्रतिमा सारनाथ में बनी हुई है। यह भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। यह स्तंभ 50 मीटर लंबा है।
इसी स्थान पर भगवान बुद्ध ने अपना पहला प्रसार किया था। भारत का सबसे पुराना पुरातात्विक संग्रहालय इसी स्थान पर बनाया गया है।
सारनाथ का अशोक चक्र तथा उसके आसपास का हरा भरा बगीचा आने वाले पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करता है।
तिब्बती मंदिर सारनाथ
तिब्बती मंदिर सारनाथ का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है। इस मंदिर के अंदर तिब्बती बौद्ध चित्र द्वारा सजाया हुआ है।
इस स्थान पर थाईलैंड, जापान और तिब्बत तथा अन्य देशों से बौद्ध धर्म के अनुयाई यहां पर आते हैं। इस मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की खूबसूरत प्रतिमा लगी हुई है।
पुरातत्व संग्रहालय
सारनाथ का पूरा तत्व संग्रहालय की स्थापना 1910 ईस्वी में की गई थी। इस संग्रहालय के अंदर विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां स्थापित है।
यहां पर आने वाले पर्यटकों को पौराणिक धार्मिक ग्रंथ तथा इन कलाकृतियों से अवगत करवाया जाता है।
इस संग्रहालय की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। जिससे हमें पौराणिक काल के बारे में बहुत अच्छी जानकारी मिलती है।
धमेख स्तूप
भगवान बुद्ध का धार्मिक स्तूप है, यह गोलाकार स्थिति के अंदर बना हुआ है। धमेख स्तूप डियर पार्क में स्थित है और यह भगवान बुद्ध का स्तूप विश्व विख्यात है।
इस स्तूप की ऊंचाई 143 फीट है और यह मिट्टी की ईटों से बनाया हुआ है। इस स्रूप पर कई प्रकार के मनुष्यों एवं पक्षियों के चित्र बने हुए हैं।
इन चित्रों को विशेष कलाकारी करके बनाया हुआ है, जो देखने में बहुत ही अद्भुत दिखते हैं।
धर्मराजिका स्तूप
यह स्तूप 128 फीट ऊंचा है और सम्राट अशोक के द्वारा बनवाया हुआ है। इस स्तूप का आकार स्तंभ आकार का है और इसका व्यास 44 फीट का है।
यह स्थान बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है। इस स्तूप की बौद्ध धर्म में बहुत महत्व है।
मूलगंध कुटी विहार
यह एक मंदिर है और इस मंदिर के अंदर की गई शिल्पकारी बहुत ही शानदार है।
अपनी शानदार कलाकृतियों की वजह से यह मंदिर पूरे भारतवर्ष में बहुत ही प्रसिद्ध है। यह मंदिर महाबोधि सोसाइटी के अंदर बना हुआ है।
तथा इसकी प्रवेश द्वार पर एक बड़ा सा घंटा लगा हुआ है।
थाई मंदिर
यह मंदिर थाईलैंड की शैली से बना हुआ है। इस मंदिर के चारों ओर हरा-भरा बगीचा है, जो बहुत ही खूबसूरत लगता है इस मंदिर पर देश और विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं।
सारनाथ में ठहरने की व्यवस्था (Accommodation in Sarnath)
सारनाथ बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, इसीलिए यहां पर आपको रुकने के लिए बहुत सारी व्यवस्थाएं मिल जाएगी।
यहां पर बहुत सारी धर्मशाला है, जहां आप रह सकते हैं, तथा विभिन्न प्रकार की होटले भी हैं। जहां आप अपने बजट के अनुसार ठहर सकते हैं।
इस स्थान पर बौद्ध धर्मशाला है तथा जैन धर्मशाला भी बहुत है। जहां बौद्ध धर्मशाला है, वहां बौद्ध धर्म के लोग ही ठहर सकते हैं। तथा जैन धर्मशालाओं में जैन अनुयाई के लोग ही रह सकते हैं।
इसके अलावा अपनी-अपनी समाज की काफी धर्मशाला है। धर्मशाला के अलावा यहा होटल भी बहुत सारी है, जहां आप अपने हिसाब से रुक सकते हैं।
सारनाथ के प्रसिद्ध व्यंजन
आगरा के पेठे
इलाहाबाद तरही
उरई के गुलाब जामुन
ठग्गू के लड्डू
मथुरा के पेड़े
लस्सी
बनारसी पान
बिरयानी
वर्की पराठा
रुमाली रोटी
फिरमाल कबाब
गुलाटी कबाब
रामपुर का कोरमा
मसाला दाल
सारनाथ की यात्रा का समय (Timings of visiting Sarnath)
अगर आप सारनाथ की यात्रा करना चाहते हैं, तो अक्टूबर महीने से लेकर मार्च तक का महीना बहुत ही शानदार रहता है। फरवरी और मार्च के महीने में यहां पर पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है।
बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार माई महीने में होता है। यहां पर बौद्ध धर्म के लोग बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं।
गर्मियों के मौसम में यहां पर काफी ज्यादा गर्मी होती है। और बारिश में ज्यादा बारिश भी होती है।
सारनाथ की यात्रा कैसे करें
हवाई मार्ग सारनाथ का नजदीकी हवाई अड्डा वाराणसी में है, वाराणसी की दूरी 25 किलोमीटर है।
रेल मार्ग सारनाथ में रेलवे स्टेशन बना हुआ है। देश के सभी बड़े शहरों से सारनाथ के लिए आपको ट्रेन मिल सकती है।
सड़क मार्ग सड़क मार्ग द्वारा आप सारनाथ की यात्रा कर सकते हैं। यहां पर सार्वजनिक वाहनों की भी अच्छी सुविधा है। तथा आप अपने खुद के वाहन लेकर भी आ सकते हैं।
सारनाथ के पर्यटन स्थल कैसे घूमे?
आप सारनाथ में घूमने के लिए ऑटो रिक्शा की सहायता ले सकते हैं। यहां पर कैब के द्वारा कार बुकिंग करके, आप सारनाथ के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के अंदर हमने सारनाथ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में आपको जानकारी प्रदान की गई है।
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