Varanasi me Ghumne ke sthaan:
वाराणसी हिंदुओं का प्रमुख और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। वाराणसी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है।
यह प्रमुख तीर्थ स्थल नगरी गंगा नदी के किनारे पर बसा हुआ है। वाराणसी के अंदर ज्यादातर लोग अपने खुद के शुद्धि कारण एवं मुक्ति पाने के लिए आते हैं, ऐसी मान्यता है।
वाराणसी के घाट और मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। जो आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
वाराणसी के अंदर देश एवं विदेश से लाखों की तादाद में हर साल पर्यटक आते हैं।
आज के इस लेख के अंदर हम आपको वाराणसी के प्रमुख घाट एवं प्रसिद्ध मंदिर।
तथा विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थल, वाराणसी के खानपान, वाराणसी में घूमने कैसे जाएं आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे।
20+ वाराणसी में घूमने के स्थान और वाराणसी जाने का समय | Varanashi me ghumne ke sthan
वाराणसी के दिलचस्प तथ्य
- एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय वाराणसी में ही स्थित है।
- भगवान शिव के निवास स्थान इसी बनारस को माना जाता है।
- सबसे अधिक घाट वाराणसी में ही बने हुए हैं।
- सिल्क व्यापार के लिए वाराणसी बहुत प्रसिद्ध है।
वाराणसी में घूमने के स्थान (Places to Visit in Varanasi )
इस लेख के अंदर हम वाराणसी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
तुलसी मानस मंदिर
तुलसी मानस मंदिर का निर्माण 1964 ईस्वी में कोलकाता के एक व्यापारी द्वारा करवाया गया है। यह सफेद संगमरमर का बना हुआ मंदिर है।
इस मंदिर के प्रत्येक खंभे पर रामचरित्र मानस उक्कीरी हुई है। इस मंदिर में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव आदि की मूर्तियां लगी हुई है।
इस मंदिर के दूसरी मंजिल पर तुलसीदास जी की मूर्ति लगी हुई है। तुलसीदास जी ने रामायण की रचना इसी स्थान पर की थी।
इसीलिए इसी मंदिर का नाम तुलसी मानस रखा गया है। वाराणसी के इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 5:30 से लेकर 12:00 तक, फिर दोपहर 3:00 से लेकर रात 9:30 तक का समय है।
भारत माता मंदिर
वाराणसी के इस मंदिर के अंदर आपको भारत से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी।
इसीलिए इस मंदिर का नाम भारत माता मंदिर रखा गया है। वाराणसी के इस मंदिर का निर्माण शिव प्रसाद गुप्ता जी के द्वारा करवाया हुआ है।
तथा उद्घाटन महात्मा गांधी जी ने किया था। भारत माता मंदिर काशी विद्यापीठ के अंदर स्थित है। इस मंदिर के अंदर भारत का नक्शा संगमरमर के पत्थर को काटकर बनाया हुआ है।
भारत की संपूर्ण संस्कृती की झलक इस मंदिर के अंदर विस्तारित रूप से दिखाई हुई है। यहां पर बहुत सारे पुस्तक एवं ग्रंथ है, जो आप पढ़ सकते हैं।
दुर्गा माता मंदिर
बंगाल की महारानी ने 18वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
दुर्गा माता जी को समर्पित इस मंदिर के अंदर काली माता, सरस्वती माता और भैरव जी की मूर्ति स्थापित है।
नवरात्रि के समय इस मंदिर के अंदर बहुत भीड़ रहती है। सावन के महीने में इस मंदिर के अंदर बड़े मेले का आयोजन होता है, जो 1 महीने तक पूरा चलता है।
संकट मोचन मंदिर
इस मंदिर का निर्माण मदन मोहन मालवीय जी द्वारा करवाया हुआ है, 19वीं शताब्दी के अंदर।
इस मंदिर के आसपास बहुत सारे बंदर रहते हैं। इसीलिए इसे वानर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि तुलसीदास जी को इस स्थान पर हनुमान जी का सपना आया था।
काशी मंदिर
वाराणसी आने वाले सभी लोग काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए आवश्य जाते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल एवं मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग भी है।
यहां पर बड़ी शिवजी की प्रतिमा स्थापित है। यह विशाल मंदिर गंगा किनारे स्थित है। यहां पर प्रतिदिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
मणिकर्णिका घाट
बनारस का सबसे पवित्र घाट मणिकर्णिका घाट है, इस घाट के चारों ओर मंदिर बने हुए हैं। तथा इसके आसपास चिताएं जलती रहती है।
काशी आने वाले पर्यटक की यही सोच रहती है, कि इसी घाट पर उनका अंतिम संस्कार हो, ताकि मोक्ष प्राप्ति मिल सके, ऐसी मान्यता है।
चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ
चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ वाराणसी से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। इस स्थान पर आपको विभिन्न प्रकार के झरने देखने को मिलेंगे।
जो आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां के प्रमुख झरने देवदारी बहुत ही प्रसिद्ध झरना है।
देवदारी झरने की एक विशेष खासियत यह है, कि इसके नीचे एक कुंड बना हुआ है।
जिसके अंदर अगर आप पत्थर फेंकते हैं, तो वह पत्थर नीचे नहीं जाएगा, बल्कि ऊपर आपकी तरफ ही वापस आएगा।
भारत कला भवन
हिंदू विश्वविद्यालय के पास ही भारत कला भवन स्थित है। इसका निर्माण 1920 ई के अंदर करवाया हुआ है।
इस भवन के अंदर 12000 से भी अधिक चित्र शैलियों बनी हुई है। तथा यह एशिया के सबसे बड़े संग्रहालय में गिना जाता है।
अस्सी घाट
बनारस के अंदर 84 घाट बने हुए हैं। उसके अंदर सबसे प्रमुख घाट अस्सी घाट है। इसकी उत्पत्ति गंगा और अस्सी घाट के संगम से हुई है।
अस्सी घाट के पास जगन्नाथ का मंदिर बना हुआ है, जो बहुत ही प्रसिद्ध है। तथा विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर भी बने हुए हैं।
जगन्नाथ मंदिर में प्रतिवर्ष मेले का आयोजन भी किया जाता है। तथा इस घाट पर गंगा आरती का आयोजन प्रतिदिन शाम को होता है।
सिल्क एंपोरियल
बनारस अपने प्रसिद्ध घाट तथा मंदिरों के अलावा भी, साड़ियों के लिए बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है।
बनारस के छावनी रोड पर साड़ियों की होलसेल दुकान बहुत सारी संख्या में है।
जहां पर आपको बनारसी साड़ियां बहुत ही सस्ते भाव में मिल जाती है। जो देश ही नहीं विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है।
रामनगर किला
रेलवे स्टेशन से 14 किलोमीटर की दूरी पर यह किला स्थित है। यह बनारस के सबसे पुराने किलों में से एक किला है।
काशी के राजा बलवंत सिंह जी ने 1750 ईस्वी में इसके लिए का निर्माण करवाया था। इस किले में प्रवेश करने के लिए कुल चार गेट हैं।
मुख्य गेट लाल रंग से रंगा हुआ है। इसके लिए के अंदर एक हजार कमरे बने हुए हैं। किला देखने का समय सुबह 10:00 से लेकर शाम 5:00 तक है। और यहां पर प्रवेश शुल्क भी लगता है।
वाराणसी के प्रसिद्ध भोजन | famous food of varanasi
वाराणसी के व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट एवं लजीज होते हैं। यहां के व्यंजन बहुत ही प्रसिद्ध है।
यहां के लोग पूरी सब्जी से दिन की शुरुआत करते हैं, उसके साथ-साथ गरम जलेबी लौंग लता आदि भी व्यंजन प्रसिद्ध है।
वाराणसी के अंदर ठंडाई, चाट, लस्सी आदि बहुत प्रसिद्ध है। बनारस के अंदर एक खास फेमस चीज है, वह है बनारसी पान।
यहां पर गुलकंद का बना हुआ पान बहुत ही प्रसिद्ध है और चाव से खाया जाता है। बनारस आए तो एक बार बनारसी पान का मजा जरूर ले।
वाराणसी में घूमने के लिए उपयुक्त समय
वाराणसी की यात्रा के लिए आपको अक्टूबर महीने से लेकर मार्च तक के महीने का समय उपयुक्त रहता है।
क्योंकि इस समय पर ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही अधिक सर्दी मौसम समान रहता है और घूमने का मजा भी आता है।
वाराणसी घूमने कैसे जाएं? (How to visit Varanasi?)
वाराणसी घूमने जाने के लिए आपके पास तीनों ही ऑप्शन खुले हैं। आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग या हवाई मार्ग से किसी भी प्रकार की यात्रा कर सकते हैं।
ट्रेन मार्ग
वाराणसी के अंदर तीन रेलवे स्टेशन है। वाराणसी जंक्शन, बनारस रेलवे स्टेशन और मंडावल स्टेशन।
यह सभी स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। यहां पर देश के प्रमुख शहरों से ट्रेन आती रहती है। आप उनके माध्यम से वाराणसी की यात्रा कर सकते हैं।
सड़क मार्ग
देश के सभी बड़े शहरों से वाराणसी के लिए डायरेक्ट आपको डीलक्स या दूसरी सभी प्रकार की बसें मिल जाती है।
निजी तथा सार्वजनिक दोनों प्रकार के वाहन मिल जाते हैं। आप अपने खुद के वाहन को लेकर भी वाराणसी आ सकते हैं।
हवाई मार्ग
वाराणसी के अंदर लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा है। देश के विभिन्न शहरों से इस हवाई अड्डे के लिए आपको हवाई जहाज की सुविधा मिल जाएगी। आप कभी भी आ सकते हैं।
निष्कर्ष (conclusion)
वाराणसी में घूमने के स्थान (Varanasi me Ghumne ke sthaan), इस लेख के अंदर हमने वाराणसी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों तथा यहां के खान-पान आदि के बारे में आपको विस्तृत बताया है।
वाराणसी की यात्रा कैसे करी जाए? कहां पर ठहरे आदि की जानकारी प्रदान की गई है। यह लेख आपको अच्छा लगा है, तो आप कमेंट करें एवं शेयर जरूर करें।